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कार्रवाई करने के बजाए दारोगा को कॉउंसलिंग की सलाह दी गयी . ...

   महिला विंग में ही महिला पुलिसकर्मी सुरक्षित नहीं  

इस मामले के सामने आने के बाद से ये बात तो साफ़ हो गयी है कि यूपी के महिला विंग में ही महिला पुलिसकर्मी सुरक्षित नहीं है। 

राजधानी  लखनऊ जहां एक महिला दारोगा ने दो सिपाहियों ऊपर अभद्रता का आरोप लगाया है। महिला दारोगा के मुताबिक, नाईट ड्यूटी के दौरान काउंसलिंग रूम में दो सिपाहियों ने शराब पी कर महिला दारोगा से मिसबिहेव किया। इस बात से हताश होकर महिला दारोगा ने इस बात की शिकायत फ़ौरन ही एएसपी से की। एएसपी से शिकायत करने के बाद सिर्फ जांच करने के आदेश सामने आये लेकिन त्वरित कोई कार्रवाई नहीं की गयी। जिसके बाद महिला दारोगा ने वीमेन हेल्पलाइन 1090 में लिखित में एक शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद एडिशनल एसपी की रिपोर्ट पर एडीजी 1090 ने महिला दारोगा के मामले में कार्रवाई की बजाय काउंसलिंग की नसीहत दी। अपने ही विभाग के इस रव्वैये से परेशान होकर महिला दारोगा ने मीडिया का सहारा लिया है। इस मामले के सामने आने के बाद सिर्फ एक ही सवाल उठता है कि जो यूपी पुलिस और वीमेन हेल्प लाइन 1090 महिला सुरक्षा के ऊपर कितनी बड़ी बड़ी बातें करते नहीं थकते हैं, क्या वो अपने ही विभाग के कर्मचारियों को सुरक्षा देने में नाकाम है? अगर सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं तो कम से कम पीड़िता की सुनवाई करके आवश्यक कार्रवाई तो की जानी ही चाहिए। अभी तक तो सड़क चलते महिलाओं से छेड़खानी के मामले सामने आते थे, पर अब लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आने के बाद यह कह पाना मुश्किल है कि प्रदेश में महिलाऐं कहीं भी सुरक्षित हैं। अब क्या होगा इस प्रदेश का जहां रक्षक ही सुरक्षित नहीं है तो प्रदेश की जनता की सुरक्षा का दायित्व का निर्वहन कौन करेगा।

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