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एसटीएफ ने खून के काले कारोबार का खुलासा किया है ...

राजधानी में यूपी एसटीएफ ने खून के काले कारोबार का खुलासा किया है। जानकारी के मुताबिक यह नकली खून बनाने का कारोबार लखनऊ के मड़ियांव के फैजुल्लागंज में एक पैथालॉजी में चलाया जा रहा था। गुरुवार देर रात छापेमारी के बाद एसटीएफ ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है।

खून में मिलाया जाता था कैमिकल

बता दें पैथालॉजी में पानी के साथ कैमिकल मिलाकर खून तैयार किया जाता था। यह गिरोह खून में मिलावट करके दो यूनिट खून को तीन यूनिट बनाते थे। जिसकी जानकारी मिलते ही एसटीएफ ने छापेमारी कर इस काले कारोबार का भंडाफोड़ किया है।इस दौरान गिरफ्तार हुए लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है। साथ ही पैथालॉजी से खून के नमूने भी लिए गए हैं। कहा जा रहा इन नमूनों की जांच करवाई जाएगी। इसी के साथ एसटीएफ कई अन्य स्थानों पर भी छापेमारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक इस गिरोह का नाम सरगना बताया जा रहा है।पकड़े गए आरोपी के बारे में बताया जा रहा है कि इनके पास किसी भी प्रकार की कोई भी मेडिकल डिग्री नहीं थी न ही इस ब्लड बैंक में किसी डॉक्टर की तैनाती थी।

मिलावटी खून के लिए 3500 रुपये वसूलते थे।
खून में मिलावट करके यह लोग एक यूनिट मिलावटी खून के लिए 3500 रुपये वसूलते थे। यह गिरोह मजदूर व रिक्शाचालकों से एक हजार से 1200 रुपया में खून खरीदता था और उसमें केमिकल और पानी मिलाता था। एसटीएफ ने कल देर रात मडिय़ांव में दो हॉस्पिटलों में छापा मारकर आठ यूनिट खून बरामद किया। यूपी एसटीएफ मामले की जांच कर रही है। पकड़े गए आरोपियों का नाम राशिद अली उर्फ आतिफ, राघवेंद्र प्रताप सिंह, मोहम्मद नसीम,पंकज कुमार त्रिपाठी, हनी निगम उर्फ रजनीश निगम है। बताया जा रहा है इन्ही लोगों की मिलीभगत से यह गिरोह तैयार हुआ और खून में मिलावट का काम शुरू हुआ।

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