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मोब्लिंचिंग पर धृतराष्ट्र बनी सरकार और प्रशासन क्योंकि ..... ...

मोब्लिंचिंग पर धृष्टराष्ट बनी सरकार और प्रशासन

जुमलेबाज़ी जितनी भी कर ली जाए पर धरातल की हक़ीक़त जो बया करती है वह निंदनीय से भी परे है,मोब्लिंचिंग पर धृष्टराष्ट बनी सरकार सबका साथ विकास विश्वास की बाते तीन तलाक़ पर मुस्लिम महिलाओं के हक़ पर बहस की बातें मदरसों को सरकारी अनुदान आदि तो करती है पर उसही वर्ग विशेष के पुरुषों को जानवरों के सम्मान मानवता विहीन कुछ भीड़ की शक्ल में भगवा और श्री राम के नाम को शर्मसार करने वाले राजनीतिक गुर्गों को खुली छूट देती नज़र आती है,अब तक 150 से अधिक घटनाएं सम्पूर्ण भारत में घटित हो चुकी है जिनमे सनातन धर्म को बदनाम करते हुए गौहत्या ज़बरदस्ती धार्मिक नारो का उच्चारण न करने आदि पर तथाकथित धर्म के ठेकेदारों द्वारा भीड़ का रूप देकर निर्दोष निहत्थे लोगो की जान ली जा चुकी है,पर सबसे ज़्यादा कुंठित जो बात करती है वह है सरकार की चुप्पी और प्रशासन का मूकदर्शक बने रहना,मन की बात छोटी छोटी बातों पर ट्वीट पर मोब्लिंचिंग पर ख़ामोशी देश कहा जा रहा है कौन जवाबदेह है इन सब का,ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर से है।

कानपुर मुस्लिम युवक को टोपी लगाए देख कर जयश्री राम के नारे ना लगाने पर गिरा गिरा कर मारा जाता है,पीड़ित युवक की मदद की गुहार पर भी कोई नही आता भीड़ भाड़ वाला इलाका होते हुए भी,मुस्लिम युवक द्वारा दुकानदारों से मदद मांगी गई पर कोई मुस्लिम युवक  की मदद को नही आया बर्रा 6 हरी मस्जिद निवासी ताज मोहम्मद उस्मानपुर मदरसा साकेत नगर से अपने घर बर्रा6 जा रहा था तभी कुछ युवक बर्रा 2 यादव मार्केट वर्मा इलेक्ट्रॉनिक के सामने रोकते है और अभद्र भाषा का प्रयोग करते,साथ ही जबरन रोक कर बलपूर्वक जय श्री राम बोल जय श्रीराम का जयघोष करने को कहते है मना करने और विरोध करने पर मारने लगते है, जब पीड़ित ने दुकानदरों से मदद मांगी तो दुकानदरों ने मदद करने से मना कर दिया,जिनका कारण उनका भय क्योंकि उनको उस क्षेत्र में व्यापार करना है जब एक ही धर्म के होने पर अपने ही लोगों से भय तो दूसरे वर्ग की मनोदशा क्या होगी समझना अधिक कठिन नही है।समय रहते अगर इन सब पर रोक नही लगाई गई और सब कुछ ऐसे ही चलता रहा तो अभी धृतराष्ट्र बनी सरकार एवेरी एक्शन हैज़ आ रिएक्शन जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर भी क्या यूही मूकदर्शक की भूमिका निभाएगी, गेंद अब सरकार और उसमे पदासीन जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों के पाले में है,साथ विकास और विश्वास या विनाश, क्योंकि मेरा देश बदल रहा है।

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