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भोपाल एक्सप्रेस में बदमाश छीन ले गए जीआरपी सिपाही की पिस्टल, ...

प्रतापगढ़-भोपाल एक्सप्रेस में बदमाश छीन ले गए जीआरपी सिपाही की पिस्टल,

लखनऊ से कानपुर जा रही प्रतापगढ़-भोपाल सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेन की सुरक्षा में तैनात जीआरपी सिपाही की बेल्ट में लगी सरकारी पिस्टल निकालकर एक युवक चलती ट्रेन से कूदकर भाग गया। बुधवार देर रात हुई इस वारदात से लखनऊ तक के जीआरपी अफसरों में हड़कंप मच गया। जीआरपी सीओ केके शुक्ला और एसपी रेलवे सौमित्र यादव देर रात से लेकर बृहस्पतिवार भोर तक घटनास्थल व आसपास सक्रिय रहे। अलग-अलग टीमें कांबिंग करके भी पिस्टल या उसे ले भागने वाले तक नहीं पहुंच सकीं। पिस्टल गंवाने वाले सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।

घटना उन्नाव जंक्शन से करीब सात किमी आगे मगरवारा स्टेशन के नजदीक हुई। लखनऊ से कानपुर तक के बीच ट्रेन एस्कॉर्ट के लिए सवार हुए बागपत निवासी सिपाही मनोज कुमार के मुताबिक रात करीब 1:35 बजे मगरवारा स्टेशन के नजदीक ट्रेन (12184 एक्सप्रेस) की रफ्तार धीमी हुई तो वह बोगी नंबर बी-1 में झुककर टॉर्च से चार्जिंग प्वाइंट चेक करने लगे। इसी बीच पीछे से एक युवक ने बेल्ट में लगी (.9 एमएम) पिस्टल खींच ली। जब तक वह पलटे युवक ट्रेन धीमी होने कारण कूद गया। पिस्टल की मैगजीन में 10 कारतूस थे। वह भी युवक के पीछे ट्रेन से कूदे लेकिन अंधेरे का फायदा लेकर पिस्टल निकालने वाला भागने में कामयाब रहा।

घटनास्थल के नजदीकी गांव देवीखेड़ा में मनोज व साथी सिपाही सतीशचंद्र शर्मा ने काफी तलाश की लेकिन पिस्टल या उसे ले भागने वाले का सुराग नहीं लगा। देर रात से लेकर सुबह तक जीआरपी टीम व सिविल पुलिस ने भी कांबिंग की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। सिपाही मनोज के बताए हुलिया के आधार पर एक युवक के घर तक टीम पहुंची लेकिन वह घर पर नहीं मिला। पुलिस ने संदेह के आधार पर देवीखेड़ा व आसपास गांवों से एक महिला समेत सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। लखनऊ से ट्रेन एस्कॉर्ट में लगे सिपाही मनोज कुमार व सतीशचंद्र शर्मा लखनऊ चारबाग जीआरपी थाने पर ही तैनात हैं। मनोज कुमार को पिस्टल रखने में लापरवाही पर निलंबित कर दिया गया है।

सिपाही से पिस्टल लूट भी चोरी में दर्ज

आम तौर पर संगीन आपराधिक घटनाओं को हल्के में निपटाने वाली जीआरपी ने सिपाही से हुई सरकारी पिस्टल लूट की घटना भी चोरी में दर्ज की है। जानकारों का मानना है कि घटना होते ही सिपाही को जानकारी हो गई। उसने ट्रेन से कूदकर पिस्टल लेकर भाग रहे युवक का पीछा भी किया। ऐसे में घटना लूट की श्रेणी में आती है। हालांकि जीआरपी इंस्पेक्टर का कहना है कि घटना को अंजाम देने वाले ने किसी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया। इसलिए यह घटना चोरी ही है।

दर्ज कराई गई एफआईआर में जीआरपी में तैनात सिपाही मनोज कुमार ने बताया है कि वह ट्रेन में झुककर टार्च को चार्जिंग पॉइंट में लगा रहा था तभी एक युवक ने उसकी सरकारी पिस्टल कमर से निकाल ली और ट्रेन से कूद गया। तुरंत वह भी ट्रेन से कूदा और काफी दूर तक उसका पीछा किया लेकिन वह पकड़ में नहीं आया। शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता अजेंद्र अवस्थी ने बताया कि यह घटना चोरी तब मानी जाती जब सिपाही को घटना के तुरंत बाद इसकी जानकारी न हो पाती। उसे पता न चल पाता कि उसकी पिस्टल कौन ले गया है। उन्होंने बताया यह माना जा सकता है कि अपराध को उच्चाधिकारियों को भेजी जाने वाली मासिक एसआर (स्पेशल रिपोर्ट) में दर्ज न करना पड़े इसलिए ऐसा किया गया हो। उन्होंने बताया कि पुलिस को थाना या सर्किल क्षेत्र में होने वाली लूट, डकैती, हत्या जैसे बड़े अपराधों और पांच लाख से अधिक की चोरी की घटना की भी एसआर भेजनी होती है। यह रिपोर्ट डीजीपी तक भी जाती है।

हालांकि जीआरपी इंस्पेक्टर का कहना है कि अगर कोई बिना बल प्रयोग किए और बिना अनुमति के किसी के कब्जे से वस्तु लेकर चला जाता है तो इसे अपराध चोरी की ही श्रेणी में आता है। अगर चोरी की घटना में बल का प्रयोग किया जाता तो यह लूट की श्रेणी में आता है।

आरपीएफ को दो घंटे बाद दी गई जानकारी

जीआरपी सिपाही से पिस्टल छीनने की घटना की सूचना आरपीएफ को दो घंटे बाद दी गई। जबकि उन्नाव रेलवे स्टेशन स्थित जीआरपी थाना और आरपीएफ पोस्ट बिल्कुल पास पास में ही हैं। दोनों के बीच की दूरी बमुश्किल पांच कदम ही है। सूत्रों के मुताबिक जीआरपी स्टाफ घटना को दबाने की कोशिशों में रहा। जब सीओ और एसपी उन्नाव जंक्शन पहुंचे तब घटना की जानकारी दी गई।

सुरक्षा के इंतजाम फेल,अक्सर होती हैं घटनाएं

ट्रेनों और ट्रैक की सुरक्षा को लेकर तमाम दावे और दिन-रात पेट्रोलिंग की कवायद की गई लेकिन जिले में जीआरपी क्षेत्र में ट्रेनों में घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मगरवारा रेलवे स्टेशन के आसपास, छमकनाली, गंगाघाट रेलवे स्टेशन के पास ऋषिनगर केबिन, सहजनी क्रासिंग और गंगापुल के आसपास ट्रेनों में चोरी और लूट की घटनाएं आए दिन होती हैं। यहां आउटर और गंगा पुल होने से ट्रेनें धीमी होकर निकाली जाती हैं। इससे चोर, लुटेरे वारदातों को अंजाम देकर चलती ट्रेन से कूदकर भाग जाते हैं। लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए तीन महीने पहले गंगा नदी पुल के पास लोहे की गुमटीनुमा के केबिन बनाया गया था। निर्देश दिए गए थे कि इस केबिन में दो जीआरपी जवानों की चौबीसो घंटे तैनाती रहेगी, लेकिन यहां सिपाही कभी नजर नहीं आते।

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