Total Visitors : 5 7 6 5 2 9 6

हर आंख से छलका आंसू, सीएम 'बहू' की यादों में रातभर जागा ऊगू, ...

हर आंख से छलका आंसू,'बहू' की यादों में रातभर जागा ऊगू,

उन्नाव के ऊगू कस्बे में लोगों के लिए शनिवार की रात सबसे लंबी रात रही। लोगों की आंखों में जो नमी दिखी वह उनमें अपने कस्बे की बहू के प्रति लगाव का प्रतीक था।शीला दीक्षित का भी अपनी ससुराल से लगाव कुछ कम न था। वह जब भी यहां आईं बहू की तरह ही सभी से मिलीं। 1996 के लोकसभा चुनाव में वह अपनी सुसराल के पोलिंग सेंटर से भी हार गई थीं। उन्हें इसका दुख भी था, लेकिन इसे कभी दिल से नहीं लिया।जो भी उनसे मिला, जिसने भी मदद मांगी, हर संभव मदद की।


बेटी का इलाज कराया और आर्थिक मदद भी

ऊगू कस्बे के मोहल्ला माझखोर निवासी सेवा निवृत्त शिक्षक देवशंकर अवस्थी ने बताया कि वर्ष 1993 में उनकी बेटी अलका को दिल की बीमारी ने चपेट में ले लिया था। शीला दीक्षित ऊगू के मेले में आई थीं। उन्हें जानकारी हुई तो अलका को दिल्ली लेकर आने को कहा। शीला दीक्षित की मदद से बिटिया का एम्स में इलाज हुआ और प्रधानमंत्री व स्वास्थ्य मंत्रालय कोष से 20-20 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी दिलाई।


बेसहारा बहू को दिलाया था आशियाना

इसी कस्बे के मोहल्ला मझखोल निवासी कन्हैयालाल वर्मा ने बताते हैं कि बीस साल पहले उनके बेटे रामनरेश का देहांत हो गया था। बेटा दिल्ली में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था। बेटे के देहांत से बहू प्रतिमा अकेली हो गई। तब शीला दीक्षित से मदद मांगी। उन्होंने बहू से मुलाकात की और दिल्ली के उत्तमनगर में बहू को आवास दिलवाया। यही नहीं समाज कल्याण विभाग से 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी दिलवाई। पूरा कस्बा बहू के देहांत से दुखी है। कस्बे के हरि दीक्षित, आदर्श दीक्षित, मनू शुक्ला, अनुज दीक्षित सहित कई लोग शनिवार रात ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए। रविवार को सभी ने उनके अंतिम दर्शन किए।

स्कूल की छात्राओं को हर साल दिखवाती थीं गणतंत्र दिवस परेड

शीला दीक्षित को बच्चों से बेहद लगाव था। यही कारण था कि जब से वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं अपनी ससुराल के स्कूल की छात्राओं को हर साल गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए बुलाती थीं। बच्चों के आने-जाने और दिल्ली में रहने का खर्च भी वही वहन करती थीं।

ऊगू कस्बे में शीला दीक्षित की दादी सास ज्वालादेवी के नाम से बालिका इंटर कॉलेज है।स्कूल की शिक्षिका ममता शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2009 से 2012 तक चार बार शीला दीक्षित के बुलावे पर पूर्व गृहमंत्री गोपीनाथ दीक्षित,आरती बाजपेयी व कॉलेज की प्रधानाचार्या बीना कुशवाहा के साथ कक्षा 9 से 12 की 50 छात्राएं दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड देखने जाती थीं।

Related News

Leave a Reply