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अस्पतालों में नही पूरी तैयारी,उर्सला में ड़ेंगू की जांच नहीं ...

डेंगू व मलेरिया के साथ फैल्सीपेरम ने पसारे पांव, दो की मौत,

उमस भरी गर्मी से परेशान जनता,बारिश से कुछ राहत की उम्मीदें लगाए थी,पर राहत और सुहावने मौसम संग कानपुर नगर में विभिन्न जानलेवा रोगों ने भी दस्तक दे पाँव पसारने चालू कर दिए है,सरकारी दावों की पोल खोलती हमारी रिपोर्ट।

कानपुर : डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर के साथ खूनी मलेरिया फैल्सीपेरम का भी हमला शुरू हो गया है।कानपुर के हैलट, उर्सला और निजी अस्पतालों में बड़ी संख्या में वायरल फीवर और डायरिया के रोगी आ रहे हैं। डायरिया से शरीर में पानी की कमी होने के कारण रोगियों के गुर्दे फेल हो रहे हैं।बुधवार को सेप्टीसीमिया होने के बाद सांस तंत्र फेल होने से दो रोगियों की मौत हो गई। हैलट और उर्सला अस्पताल में डेंगू के 23 रोगी आए। इसके साथ ही मलेरिया और चिकुनगुनिया के लक्षणों वाले रोगियों की संख्या बढ़ रही है।

फैल्सीपेरम मलेरिया के पहले रोगी हंसपुरम के जितेंद्र सिंह (45) को गंभीर हालत में हैलट अस्पताल में भर्ती किया गया। जांच में प्लेटलेट्स काउंट 16 हजार आया और फैल्सीपेरम की पुष्टि हुई। हालांकि इलाज के बाद रोगी की हालत में सुधार हुआ। उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। इसके अलावा इसी क्षेत्र से एक मलेरिया रोगी को भी भर्ती किया गया।

रोगी के गुर्दे फेल होने का रहता है खतरा

मेडिसिन विभाग के डॉ. ब्रजेश कुमार ने बताया कि फैल्सीपेरम का सीजन आ गया है।इसको फैलाने वाले मच्छर का लार्वा गंदे पानी में पनपता है।फैल्सीपेरम के रोगी के गुर्दे फेल होने का खतरा रहता है,बरतें विशेष सतर्कता।

इसके अलावा बुधवार रात आजाद नगर के रहने वाले प्रहलाद (70) की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि तेज बुखार आने के बाद सांस में दिक्कत हुई और जान चली गई। इसी तरह लालबंगला के अमीन (65) की तेज बुखार के बाद मौत हो गई।परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने सेप्टीसीमिया बताया था। उर्सला के आईसीयू प्रभारी डॉ. शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि बुखार और डायरिया के रोगियों की भरमार है।आईसीयू रोगियों से फुल हो गया है।

उर्सला में डेंगू की जांच नहीं, सिर्फ दो वेंटीलेटर चालू

उर्सला का आईसीयू रोगियों से फुल हो गया है। यहां चार में से सिर्फ दो वेंटीलेटर ही काम कर रहे हैं और दो बंद पड़े हैं। इसके अलावा उर्सला में डेंगू की जांच नहीं हो रही है। संदिग्ध रोगियों का लक्षणों के आधार पर इलाज किया जा रहा है।

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