Total Visitors : 5 8 0 4 4 9 2

कंस्ट्रक्शन कंपनी की लालच की भेंट चढ़ी तीन मासूम ज़िंदगी...... ...

 सच आया सामने,प्रोजेक्ट करोड़ों का पर मजदूरों की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही :आईआईटी हादसा


आईआईटी में हुए हादसे के पीछे लापरवाही और घटिया निर्माण सामग्री इस्तेमाल करने की बात सामने आ रही है। दरअसल करोड़ों रुपये का प्रोजेक्ट होने के बावजूद निर्माण में लगे मजदूर व मिस्त्री बगैर सुरक्षा किट के काम कर रहे थे। इमारत का निर्माण 17 करोड़ रुपये से होना है।

आईआईटी ने देहरादून की जय प्रकाश एंड संस कंस्ट्रक्शन कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी दी है। ऐसे निर्माण कार्यों में इंजीनियरों, मजदूरों, मिस्त्री आदि को सुरक्षा किट दी जाती है। इसमें जैकेट, जूते और सबसे अहम हेलमेट होता है।

पौन घंटे बाद पहुंचाए जा सके अस्पताल

आईआईटी में जिन तीन मजदूरों की मौत हुई है, उनके सिर पर भी गहरी चोटें आई थीं। हेलमेट पहने होते तो शायद जान बच जाती। उधर दीवार बने करीब 10 दिन हुए थे। ऐसे में दीवार का ढहना निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़ा करता है। हालांकि जांच के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।

बेसमेंट की गहराई करीब 20 फीट है। यहीं पर काम चल रहा था। हादसे के बाद साथी मजदूर चारों को बाहर निकालने में जुट गए। सीढ़ी से बमुश्किल तीनों को बाहर निकाला और फिर आईआईटी की एंबुलेंस से उन्हें निजी अस्पताल ले गए। यहां से उन्हें हैलट रेफर कर दिया गया। इस तरह करीब पौन घंटे बाद सभी अस्पताल पहुंचाए जा सके।

घटना दबाने में जुटा रहा आईआईटी प्रशासन

हादसे के बाद आईआईटी प्रशासन घटना को दबाने में जुटा रहा। आईआईटी प्रशासन की ओर से हैलट के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के पास एक फोन आया, जिसमें कहा गया कि अभी मृतकों के बारे में जानकारी किसी को न दी जाए। इस पर मेडिकल ऑफिसर ने कहा कि ये संभव नहीं है।

कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक विजय मित्तल ने बताया निर्माण कार्य करीब चार महीने से चल रहा था। कुछ ही दिन पहले दीवार बनी थी। बारिश के कारण वहां की मिट्टी धंस गई, जिससे हादसा हुआ है। निर्माण सामग्री में किसी तरह का घटिया सामान इस्तेमाल नहीं किया गया। मृतकों व घायलों की हर संभव मदद करेंगे।

Related News

Leave a Reply