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कुत्तों के आतंक से परेशान मेरठ वासी,कई कोई किया घायल ...

परेशान जनता न कोई समाधान न ही कोई कानून

मेरठ: शहर में बढ़ते आवारा कुत्तों के आतंक से लोग दहशत में है। स्कूल गए बच्चे सुरक्षित घर लौटेंगे कि नहीं। यह भय लोगों के दिलों में बैठा है। पशु क्रूरता अधिनियम में उलझे नगर निगम के अफसरों से आवारा कुत्तों को शहर से बाहर छोड़ने की गुहार लगा रहे हैं। कह रहे हैं कि इंसान मानसिक संतुलन खो दे तो उसका उपचार है। लेकिन आवारा कुत्ते दौड़ा-दौड़ा कर काटने लगे तो इसका निदान क्यों नहीं है। ऐसा ही मामला प्रकाश में आया। शारदा रोड शिवशंकरपुरी की न्यू जय बैंड वाली गली से महिलाएं नगर निगम पहुंची। अपर नगर आयुक्त अमित कुमार सिंह को शिकायती-पत्र देकर आवारा कुत्तों से निजात दिलाने की मांग की। ललिता सैनी ने कहा कि गली में 20 आवारा कुत्तों ने दहशत फैला रखी है। बच्चे घर से बाहर निकलने में घबराते हैं। एक बच्चे को कुछ दिन पहले आवारा कुत्ते ने हमला कर लहूलुहान कर दिया था। जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया था। गीता ने बताया कि उनके पति संजय को आवारा कुत्तों ने काट लिया था। रैबीज इंजेक्शन लगाने के बाद भी घर के सदस्य डरे हुए हैं। अपर नगर आयुक्त ने महिलाओं से कहा कि आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए एजेंसी तय हो गई है। जल्द ही नसबंदी शुरू कराई जाएगी। जिस पर महिलाओं ने कहा कि नसबंदी कोई निदान नहीं है। आवारा कुत्तों को शहर से बाहर छोड़ा जाए। ताकि शहर में लोग चैन से रह सकें।

शारदा रोड से आवारा कुत्तों को पकड़कर शहर से बाहर छोड़ने की मांग महिलाओं ने की है। नियम में प्रावधान है कि जहां से आवारा कुत्तों को पकड़ा जाएगा। उसी क्षेत्र में नसबंदी, एंटी रैबीज वैक्सीनेशन के बाद छोड़ा जाएगा। हमारे पास शेल्टर हाउस है। लेकिन निगम नियम से बंधा हुआ है।

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