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राम जेठमलानी के बदौलत ही कानपुर बार को मिला था गौरव......... ...

सुपरलेटिव डिग्री गौरवशाली व्यक्तित्व वाले व्यक्तित्व का निधन

सिविल प्रक्रिया संहिता में संशोधन को लेकर दिल्ली में वर्ष 2001 में हुई कानून सभा में कानपुर बार एसोसिएशन ने सभी जिलों की बार एसोसिएशन की ओर से प्रतिनिधित्व किया था। कानपुर को यह गौरव तत्कालीन अटल सरकार में कानून मंत्री रहे राम जेठमलानी की बदौलत मिला था। संशोधन को लेकर देशभर में चल रहे आंदोलन के दौरान वर्ष 2000 में कानपुर बार एसोसिएशन के दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने तत्कालीन कानून मंत्री रहे राम जेठमलानी से मुलाकात की थी। सांसद श्यामबिहारी मिश्र के नेतृत्व में दिल्ली पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में बार एसोसिएशन के तत्कालीन उपाध्यक्ष दिनेश पाठक, महामंत्री अजित शुक्ला, मंत्री दिनेश शुक्ला, श्यामजी श्रीवास्तव, हरिश्चंद्र श्रीवास्तव आदि मौजूद थे। 

संसद भवन के विधि मंत्रालय में मुलाकात के दौरान कानपुर के अधिवक्ताओं ने राम जेठमलानी को बताया कि सीपीसी में संशोधन को देशभर के अधिवक्ता संघों से सलाह के बाद लागू करने की बात कही जा रही है लेकिन इसमें सिर्फ सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट बार संघ के प्रतिनिधि ही हैं।जिला बार का कोई प्रतिनिधि नहीं है। इस तर्क से प्रभावित होकर जेठमलानी ने कानून सभा में जिलों की ओर से प्रतिनिधित्व करने का दायित्व कानपुर बार एसोसिएशन को सौंपा था। कानपुर बार एसोसिएशन के तत्कालीन महामंत्री अजित शुक्ला ने सभी जिलों का प्रतिनिधित्व किया था। 

जब भी कोई तर्क करता है तो कहा जाता कि बड़े जेठमलानी बन रहे हो। अधिवक्ता व्यवसाय का एकमात्र सूर्य थे, जिनकी मिसाल दी जाती थी, सुपरलेटिव डिग्री वाले व्यक्तित्व का निधन होने से देश को अपूर्णनीय क्षति हुई है।
दिनेश शुक्ला, अध्यक्ष, लायर्स एसोसिएशन

विधि व्यवसायी ही नहीं राजनीति के क्षेत्र में भी राम जेठमलानी का नाम हमेशा याद किया जाएगा। कानपुर बार एसोसिएशन को गौरव प्रदान करने वाले गौरवशाली व्यक्तित्व के निधन से देश भर में शोक का माहौल है।
श्यामजी श्रीवास्तव, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन

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