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शय किसकी नामी साबुन उत्पादक कंपनी कर रही मानकों की अनदेखी ...

आधा दर्जन से अधिक मवेशियों की ली जान

जल ही जीवन है हम यह बचपन से सुनते आ रहे है। जल बिन मानव जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती न ही धरती पर किसी भी प्रकार की अन्य उत्पतियो की। भावी मानव जीवन यापन के लिए समूचे विश्व में स्वच्छ जल स्रोत्रों के संरक्षण पर सरकारों एवं सामाजिक संस्थानों द्वारा विभिन्न योजनाओं परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। परंतु जब मानव जीवन के लिए अतिआवश्यक जल ही उसके और उसके पशुओं और खेत खलियानों का शत्रु बन जाये तब कितनी भयावक स्थिति उत्पन्न हो सकती है।इसकी मात्र कल्पना भी विचलित करने के लिए काफ़ी है।

ताज़ा मामला

कानपुर देहात थाना सचेंडी क्षेत्र का है जहाँ प्रीमियर साबुन उत्पादक कंपनी द्वारा छोड़ा जा रहा केमिकल युक्त फैक्टरी का गंदा पानी आस पास के क्षेत्र में रह रहे स्थानीय लोगो के लिए ज़हर का काम कर रहा है। जी हाँ बीते पांच माह में साबुन कंपनी द्वारा छोड़ा गया प्रदूषित पानी पास के तालाब में जमा होता है। गांव के पालतू जानवर गाय भैस उसही तालाब से पानी पीकर अपनी जान गवा चुके है। गांव वालों के अनुसार कई बार सूचित किये जाने पर भी साबुन कंपनी के संचालकों द्वारा कोई भी उचित उत्तर प्राप्त नही हुआ न ही प्रदूषित जल निकासी का किसी प्रकार का कोई  समाधान किया गया। जिस के कारण बीते कई माह में आधा दर्जन से अधिक मवेशियों की जान जा चुकी है। गाँव वालों के अनुसार क्षेत्रीय प्रशासन हो या फिर ग्राम प्रधान किसी को कोई चिंता नही सूचित किए जाने एवं विभिन्न माध्यमों से संपर्क करने के बाद भी गरीब गाँव वालों की कोई सुनवाई नही हो रही है जिसका सबूत कल फिर गीता देवी नामक एक वृद्ध महिला की भैंस संक्रमित पानी पी कर मर गई।

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