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सीएम योगी ने तय किया सरकार के काम का एजेंडा ...

15 श्रम कानूनों में बदलाव

मुख्यमंत्री योगी ने नए साल में सभी प्रमुख विभागों के लिए कामकाज का एजेंडा तय कर दिया है। इसमें श्रम सुधार लागू करने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के छह सेक्टरों में श्रेष्ठ रैंकिंग हासिल करने का लक्ष्य शामिल है। सभी जिलों में मेडिकल कालेज व आदिवासी बहुल तीन जिलों में ट्राइबल म्यूजियम की स्थापना भी प्राथमिकता में है।

प्रदेश सरकार ने 15 श्रम कानूनों में बदलाव किया है। इनमें से 12 पर अमल शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने निवेश आकर्षित करने के लिए श्रम अधिनियमों में सुधार की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्यम व अन्य विभाग मिलकर श्रम अधिनियमों में सुधार के मामले चिह्नित करेंगे। इसका एक प्रस्ताव इसी बजट सत्र में पारित कराया जाएगा। 

प्रदेश ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) में बेहतर प्रदर्शन किया है। सिंगल विंडो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ देश की सबसे बड़ी सिंगल विंडो प्रणाली बनी। लेकिन 12 सुधार क्षेत्रों में से केवल छह में ही प्रदेश शीर्ष राज्यों में आ पाया। अब बाकी छह में सुधार के लिए यूपीएसआईडीसी, पिकप, उद्योग बंधु व फिल्म बंधु को कहा गया है। 

इसी तरह आम लोगों को होने वाली कठिनाई दूर करने के लिए (ईज ऑफ लिविंग) पर प्राथमिकता से काम होगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करने वाले युवाओं के लिए इंटर्नशिप स्कीम का एलान किया है। 

उर्दू-अरबी-फारसी विश्वविद्यालय बनेगा भाषा विश्वविद्यालय

लखनऊ के उर्दू-अरबी-फारसी विश्वविद्यालय को भाषा विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने का फैसला हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस विश्वविद्यालय में पाली, संस्कृत, फ्रेंच, जर्मन व अन्य विदेशी भाषाओं के पठन-पाठन की व्यवस्था का निर्देश दिया है।

सभी उद्योग शुरू करेंगे इंटर्नशिप स्कीम

इसी तरह सभी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) व प्रत्येक उद्योग में अनिवार्य रूप से इंटर्नशिप स्कीम लागू की जाएगी। सीएम ने श्रम विभाग को जल्द से जल्द कार्यवाही करने को कहा है।

निर्यात प्रोत्साहन के लिए ट्रिपल-टी फार्मूला

निर्यात प्रोत्साहन के लिए प्रत्येक जिले व राज्य स्तर पर निर्यात प्रोत्साहन हब बनेगा। इसके लिए ट्रिपल-टी (ट्रेड, टेक्नालोजी व टूरिज्म) फार्मूले पर काम होगा। प्रदेश में घाटे में चल रही मंडियों को भी पीपीपी मॉडल पर चलाना एजेंडे में शामिल है।

18 जिलों में पीपीपी पर बनेंगे मेडिकल कालेज 

इसके लिए पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कालेज की स्थापना में अच्छा काम करने वाले राज्य की व्यवस्था का अध्ययन किया जाएगा। एक से डेढ़ वर्ष में इन सभी जिलों में मेडिकल कालेज शुरू कराने का लक्ष्य है। इन सभी में आयुष्मान व मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के गरीब लाभार्थियों को इलाज की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसी तरह प्रदेश के 100 विकास खंड महत्वाकांक्षी विकासखंड के रूप में विकसित होंगे।

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