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यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन स्थगित ...

कोरोना खौफ...

कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते माध्यमिक शिक्षा परिषद ने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा 2020 की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर 2 अप्रैल तक रोक लगाई है। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अब 3 अप्रैल से शुरू होगा। 
उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर रोक के चलते परीक्षा परिणाम पूर्व निर्धारित समय पर जारी नहीं हो सकेगा।  बोर्ड ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक परिणाम घोषित  करना प्रस्तावित किया था।

 यह निर्णय प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने लिया। यूपी बोर्ड जल्द मूल्यांकन पूरा करके अप्रैल के अंत तक परिणाम घोषित करने की तैयारी में था।

मेरठ में दूसरे दिन भी रही अव्यवस्था

मेरठ से खबर है कि यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दूसरे दिन भी 600 से ज्यादा परीक्षक अनुपस्थित रहे। पांचों केंद्रों पर दूसरे दिन 53 हजार कॉपियां जांची गईं। अव्यवस्था हावी रही। जीआईसी के टॉयलेट में पानी नहीं आ रहा था, एक कमरे में सीलन थी और बल्ब भी एक ही जल रहा था। इस पर परीक्षकों ने एतराज जताया, डीआईओएस से शिकायत की, तब व्यवस्था ठीक की गई।

कोरोना के डर के बाद भी परीक्षा सेंटरों पर कोताही बरती जा रही है। शासनादेश के अनुसार एक-एक मीटर की दूरी पर परीक्षक बैठाने की व्यवस्था नहीं की जा सकी। जीआईसी में बने कंट्रोल रूम से मूल्यांकन केंद्रों की लाइव निगरानी की जा रही है। जिला विद्यालय निरीक्षक ने राजकीय इंटर कॉलेज, एसडी सदर और सेंट जोजफ इंटर कॉलेज का मंगलवार को निरीक्षण किया। 

उन्होंने निर्देश दिए कि जहां तक संभव हो सके कोरोना से संबंधित गाइडलाइंस फॉलो की जाएं। जहां-जहां एक-एक मीटर की दूरी पर परीक्षक नहीं बैठे थे, वहां उन्हें दूरी पर बैठाया गया। हाथ साफ रखने और खांसने-छींकने में एहतियात बरतने की हिदायत दी गई। जिले में 5 मूल्यांकन केंद्र हैं, जिनमें जीआईसी, एसडी सदर, सेंट जोजफ, राम सहाय इंटर कॉलेज और केके इंटर कॉलेज हैं। 

यहां कुल 6 लाख 10 हजार 534 कॉपियों का मूल्यांकन होगा, यहां करीब 2500 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इंटरमीडिएट में एक परीक्षक एक दिन में 45 से अधिक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं कर सकते। इसी तरह हाईस्कूल में एक दिन में एक परीक्षक 50 ही कॉपियां चेक कर सकते हैं।

मूल्यांकन केंद्रों पर ही सही किए गए विषय

परीक्षकों के गलत विषय में लगाई गई ड्यूटी को मंगलवार को मूल्यांकन केंद्रों पर ही सही किया गया। सोशल साइंस के शिक्षक की ड्यूटी कृषि विज्ञान की कॉपियां जांचने के लिए लगा दी गई। इसी तरह अंग्रेजी के शिक्षक की हिंदी और हिंदी के शिक्षक की अंग्रेजी में ड्यूटी लगाई गई, जिन्हें ठीक किया गया है।

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