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आईपीएस, आईआरएस अफसर बनकर ठगी करने वाला गिरोह पकड़ा ...

राजनीतिक पैठ की पड़ताल में जुटी पुलिस

यूपी:- भारतीय पुलिस और राजस्व सेवा के अफसर बनकर ठगी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को इटावा पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। जसवंतनगर थाना क्षेत्र के जगसौरा गांव का निवासी मनीष कुमार सरगना है। पुलिस के मुताबिक, वह सिंडीकेट बैंक में पीओ था। लोन में हेराफेरी करने पर दो साल पहले उसे बर्खास्त कर दिया गया था।

गिरोह के सदस्य इनोवा गाड़ी में लाल-नीली बत्ती लगाकर चलते थे। इनके पास से बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज और दस करोड़ रुपये के दो चेक बरामद हुए हैं। सिविल लाइन थाने की पुलिस ने शुक्रवार देर रात चेकिंग के दौरान नीली बत्ती लगी इनोवा कार रोककर पांच जालसाजों को दबोच लिया।

इनमें गैंग सरगना मनीष कुमार पुत्र रामप्रकाश, अमरोहा जिला के मंडी कस्बा धनौरा निवासी योगेश कुमार पुत्र सतीश कुमार, बिहार प्रांत के रामगढ़ जिला के भभुआ थाना के तरैथा गांव निवासी बलवंत कुमार खरवार पुत्र मदन खरवार के साथ इकदिल थाना क्षेत्र के दो फर्जी पत्रकार बीलमपुर गांव निवासी रामकुमार पुत्र छोटेलाल और विकास कालोनी पक्काबाग निवासी सौरभ चौहान पुत्र देवेंद्र चौहान शामिल हैं।

एसएसपी आकाश तोमर के मुताबिक, मनीष सिंडीकेट बैंक में पीओ था। दो साल पहले बड़े लोन के मामले में हेराफेरी के आरोप में उसे बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद उसने गैंग बनाकर जालसाजी का धंधा शुरू कर दिया। पूछताछ में मिली जानकारी के मुताबिक, वह अभी तक दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, इटावा, गोंडा, बहराइच सहित करीब दो दर्जन से ज्यादा जिलों में करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। अधिकारियों और बड़े व्यापारियों पर दबाव बनाने के लिए वह अपने साथ कथित पत्रकारों को रखता था।

दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर की फर्जी आईडी बरामद

पुलिस ने गैंग के पास से डिप्टी कमिश्नर दिल्ली का फर्जी परिचय पत्र, दस करोड़ रुपये के सिंडीकेट बैंक के दो चेक, चार फर्जी लेटर पेड, यूपीएससी की फर्जी मैरिट लिस्ट, ई प्रवेश पत्र, आठ मोबाइल, पांच टीवी चैनल की माइक आईडी, कई विभागों की नौ मुहरें, राइफल, पिस्टल, दो तमंचे, कारतूस, और शस्त्र लाइसेंस बरामद किए हैं।

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