पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की हत्या की साजिश भी रची ...
उत्तर प्रदेश के शामली में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद तीन खालिस्तान समर्थकों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों और पुलिस के बीच यह मुठभेड़ झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव रंगाना के जंगलों में हुई। पुलिस ने इस आरोपियों को चौसाना चौकी की चेकपोस्ट पर राइफल लूटकांड मामले में पकड़ा। पुलिस ने 2 अक्टूबर की रात को होमगार्ड को गोली मारकर लूटी गई दोनों राइफलें भी इनके पास से बरामद कर ली हैं। एडीजी प्रशांत कुमार का दावा है कि बदमाश
पंजाब में खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में थे। इतना ही नहीं इन्होंने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की हत्या की साजिश भी रची थी।एडीजी प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस गिरोह के बदमाशों का आतंकवादी संगठन से संबंध पाया गया है। इन बदमाशों का प्लान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिरोमणि अकाली दल के मुखिया प्रकाश सिंह बादल की रैली में अफरा-तफरी मचाकर उनकी हत्या करने का था। गिरफ्तार तीन आरोपितों में से दो को गोली लगी है। एक ने मुठभेड़ के दैरान खुद को घिरता देखकर समर्पण कर दिया। मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इस गिरोह का मास्टरमाइंड भाग निकला।
फेसबुक से मिले संदिग्ध विडियो
एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक फरार आरोपी पंजाब का रहने वाला है। इसके फेसबुक अकाउंट का जुड़ाव आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन से मिला है, जिसमें फेसबुक आईडी से खालिस्तान जिंदाबाद जैसे नारों वाला विडियो शेयर और लाइक किया गया है। एडीजी प्रशांत कुमार कहा कि 2 अक्टूबर को पुलिस से हथियारों को लूटने के बाद यह लोग एक धार्मिक स्थल में ठहरे हुए थे। वहीं पर इन्होंने लूटी गई राइफल और इंसास को छिपाकर रखा था। पुलिस की सक्रियता की वजह से ये लोग हथियार लूटकर पंजाब नहीं जा सके। गिरफ्तार गुरजन, अमृत और करम सिंह से पूछताछ के लिए यूपी एटीएस को भी लगाया गया है। प्राथमिक पूछताछ के आधार पर डीआईजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रवीण कुमार ने बताया कि यह तीनों खालिस्तानी समर्थक गुटों से प्रभावित हैं। इन लोगों से विस्तृत पूछताछ के लिए यूपी एटीएस के साथ खुफिया एजेंसियों को लगाया गया है।
मामले की जानकारी पंजाब पुलिस के अफसरों को दे दी गई है। डीआईजी ने बताया कि तीनों को गिरफ्तार करने वाले पुलिस टीम को डीजीपी ओपी सिंह ने सम्मान देने की घोषणा की है।
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