एनजीटी ने ठोस कचरा प्रबंधन व वायु प्रदूषण पर मांगी रिपोर्ट ...
सभी राज्यों से मांगी रिपोर्ट
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ठोस कचरा प्रबंधन, प्रदूषित नदी के पुनरुद्धार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर जानकारी मांगी है। एनजीटी ने इस बाबत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को निर्देश दिया है कि राज्यों के मुख्य सचिवों से जानकारी प्राप्त करे।
जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सीपीसीबी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट का ब्योरा और उसकी प्रकृति अधूरी है। साथ ही कहा, सीवेज के उत्सर्जन और शोधन संबंधी जानकारी में भारी अंतर है। पीठ ने कहा, सीपीसीबी ने ‘अच्छा’, ‘औसत’, ‘खराब’ और ‘कोई जानकारी नहीं’ की श्रेणी में की गई ग्रेडिंग गुणात्मक विश्लेषण पर आधारित नहीं है। पीठ ने ठोस कचरा प्रबंधन पर कहा, नगर निगम एकत्र कचरे की मात्रा, उसे अलग करना और उसके शोधन की जानकारी जरूरी है।
वहीं, प्रदूषित नदी के 351 हिस्से को बहाल करने के संबंध में एनजीटी ने राज्यों को पीठ के निर्देशों की अनुपालना रिपोर्ट सौंपने को कहा। नदियों पर बोझ कम करने के लिए कृत्रिम झीलों, जैव विविधता पार्कों आदि की मदद से मूल स्थिति और बाद की संरक्षित स्थिति का ब्योरा देना जरूरी है। पीठ ने कहा कि 122 शहरों में जहां वायु गुणवत्ता स्वीकृत सीमा में नहीं हैं, वहां मुख्य सचिवों को कार्ययोजना की निगरानी करनी होगी और मापने योग्य प्रगति रिपोर्ट सीपीसीबी को देनी होगी।
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