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ऑटो इंडस्ट्री के सामने आया नया संकट ...

वाहनों का फाइनेंस बंद

यदि आपने 10 मार्च को ट्रक या बस की चेसिस खरीदी और किसी कारण से 31 मार्च तक उसकी बॉडी बनकर तैयार नहीं हुई तो आप अपने वाहन का परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकेंगे। अब यह वाहन कबाड़ के भाव बिकेगा। इसी तरह किसी डीलर के यहां आज के दिन 10 कारों का स्टॉक है और ये कारें 31 मार्च तक नहीं बिकीं तो इनका मूल्य भी लोहे के भाव से ज्यादा नहीं होगा।
ऑटो इंडस्ट्री के सामने यह नया संकट आया है। दरअसल, एक अप्रैल 2020 से देश में बीएस-6 मानक की गाड़ियों का ही रजिस्ट्रेशन होगा। बीएस-4 मानक की गाड़ियों की बिक्री नहीं होगी। ऐसे में जिन डीलरों की गाड़ियां नहीं बिकीं उन्हें लाखों, करोड़ों रुपये का नुकसान होगा। वाहन इंडस्ट्री पहले ही आठ महीने से आर्थिक सुस्ती का शिकार है। ग्राहकों का टोटा है। सबसे ज्यादा परेशानी भारी वाहनों के डीलरों को होने जा रही है।

दरअसल, बैंक और अन्य फाइनेंस कंपनियां भी 20 फरवरी के बाद वाहनों का फाइनेंस बंद करने जा रही हैं। इसका असर होगा कि ट्रक और बस जैसे महंगे वाहनों की बिक्री पूरी तरह रुक जाएगी। 20 से 25 लाख कीमत का ट्रक आमतौर पर फाइनेंस के जरिये ही बिकता है।

कंपनियों ने उत्पादन रोका

भारी वाहन बनाने वाली सभी कंपनियों ने अपना उत्पाद रोक दिया है। डीलर बताते हैं कि पूरा ध्यान बचे स्टॉक को निकालने पर है। यही फार्मूला कार कंपनियों ने भी अपनाया है। यदि किसी ग्राहक को किसी कार का कोई खास सेगमेंट पसंद है, और वह शोरूम में नहीं है तो पूरा पैसा जमा करने के बाद ही वह मॉडल कंपनी से आएगा। 

चेसिस वाली गाड़ियों को मिलनी चाहिए छूट 

डीलरों का कहना है कि बनी बनाई गाड़ियों की अपेक्षा चेसिस वाली गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में छूट मिलनी चाहिए। सरकार ऐसा कोई प्रावधान लाए ताकि डीलरों अथवा ग्राहकों का नुकसान न हो। दरअसल, भारी वाहनों की चेसिस आती है।

बॉडी उसके बाद बनती है। बॉडी बनने में 20 से 30 दिन लग जाते हैं। ऐसे में यदि किसी ने मार्च के शुरुआत में भी गाड़ी की चेसिस खरीदी तो भी जरूरी नहीं कि उसकी बॉडी समय पर बनकर तैयार हो जाए।

कारोबारी बोले

देश में वर्ष 2017 में बीएस-3 से बीएस-4 मानक लागू हुआ। महज तीन साल के भीतर फिर से मानक बदले जा रहे हैं। इतनी तेजी से दुनिया के किसी देश में बदलाव नहीं हुआ। सरकार को ऑटो इंडस्ट्री की दिक्कतों को समझते हुए 31 मार्च के बाद स्टॉक में बचे वाहनों के पंजीकरण की अनुमति देनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होगा तो आर्थिक सुस्ती के दौर में वाहन कारोबारियों को बड़ा नुकसान होगा। 
- रौनक टंडन, फ्यूचर ट्रक 

वाहन डीलरों के पास भारी भरकम स्टॉक है। यदि यह नहीं निकला तो कारोबारियों के लिए इसकी भरपाई मुश्किल होगी। ऑटो इंडस्ट्री में पहले से ही आठ माह में 200 से ज्यादा शोरूम बंद हो चुके हैं। 31 मार्च के बाद स्टॉक की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की अनुमति न मिली तो कई और शोरूम बंद हो जाएंगे। 
- नितिन गुप्ता, तिरुपति महिंद्रा

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