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कोरोना वायरस को फेफड़े तक पहुंचने से रोकेगी थेरेपी ...

 घर में करें ये दो काम

कोरोना वायरस का संक्रमण थमने के नाम नहीं ले रहा। इसका अबतक कोई निश्चित इलाज नहीं है। न ही इसकी कोई निश्चित दवा बन पाई है और न ही इसकी वैक्सीन तैयार हो पाई है। हालांकि दुनियाभर के वैज्ञानिक इस दिशा में कार्य कर रहे हैं और आने वाले समय में इसकी दवा और वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है। जबतक इसकी वैक्सीन या दवा नहीं आ जाती, तबतक सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग ही इससे बचाव का सबसे कारगर तरीका है। साफ-सफाई, हाइजीन मेंटेन करने के साथ ही इम्यून सिस्टम बनाए रखने और कई तरह के आयुर्वेदिक उपचारों की सलाह दी जा रही है। इस बीच वैज्ञानिकों का दावा है कि नियमित रूप से हाइपरटोनिक सेलिन वाले गुनगुने पानी के गरारे और नेजल वॉश यानी जल नेती करना भी कोरोना से बचाव में कारगर हो सकता है। 

कोरोना वायरस का संक्रमण मानव शरीर के मुंह और गले से होते हुए फेफड़ों तक पहुंचता है। अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका 'लंग इंडिया' में प्रकाशित शोध के मुताबिक, वैज्ञानिकों का दावा है कि हाइपरटोनिक सेलिन वाले गुनगुने पानी के गरारे और जल नेती करने से वायरस को मुंह और गले से होते हुए फेफड़ों तक पहुंचने से रोका जा सकता है। ये दोनों प्रक्रिया इसमें मददगार साबित होती है।

शोध की प्रमुख वैज्ञानिक और सवाईमानसिंह चिकित्सालय की श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. शीतू सिंह के मुताबिक, इस शोध अध्ययन में सर्दी, खांसी और बुखार जैसे अपर रेसपिरेटरी वायरल संक्रमण की रोकथाम के लिए गरारे और जल नेती के बारे में वैज्ञानिक प्रमाण का मूल्यांकन किया गया है। 

डॉ. शीतू के मुताबिक, इस प्रकार की चिकित्सा में कोरोना संक्रमण जैसी सांस संबंधी बीमारियों की रोकथाम में एक और थेरेपी की संभावना है। हालांकि उन्होंने विशेषज्ञ की देखरेख में ही जल नेती का सही तरीका अपनाने पर जोर दिया है। इस शोध में सामने आया है कि नाक और गले के माध्यम से प्रवेश करने वाले वायरल संक्रमण की रोकथाम में गरारे और जल नेती से मदद मिलती है। हाथ धोने की तरह गरारे और जल नेती के जरिए नाक और गले की धुलाई-सफाई से वायरल संक्रमण के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

डॉ. शीतू के मुताबिक, नियमित गरारे और जल नेती करना कोविड 19 की रोकथाम में बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। इस शोध अध्ययन के सह शोधकर्ता श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. विरेन्द्र सिंह के मुताबिक इस तरह के अभ्यास से लोगो का जीवन बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जापान में मास्क लगाने और हाथ धोने को इंन्फ्लूएंजा नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देश में शामिल किया गया, इसी तरह जल नेती और गरारे का कोरोना महामारी में भी व्यक्तिगत रुचि के मुताबिक प्रयोग किया जा सकता है।

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