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दोनों ही दलों में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर गतिरोध बरकरार है. ...

लोक जन शक्ति पार्टी के एनडीए से अलग होने के कयासों के बीच गुरुवार को रामविलास पासवान और चिराग पासवान की अमित शाह से मुलाकात हुई। कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों दलों के बीच बढ़ रही दूरी को पाट लिया जाएगा लेकिन इस मुलाकात के बाद दोनों ओर से चुप्पी साध ली गई है बताया जा रहा है कि दोनों ही दलों में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर गतिरोध बरकरार है।

इस बीच आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने ये कहा है कि खरमास के बाद (14 जनवरी के बाद) LJP भी महागठबंधन में शामिल हो जाएगी। जाहिर है एनडीए गठबंधन में अभी और बिखराव के संकेत सामने आ रहे हैं। इसके संकेत तब भी मिले जब चिराग पासवान ने पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को नोटबंदी के फायदे बताने से संबंधित पत्र लिखा। इससे पहले बुधवार को एलजेपी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी अपने तेवर तल्ख कर लिए थे। उन्होंने एनडीए के सहयोगियों को भाव नहीं दिए जाने की बात कहते हुए सीट शेयरिंग का समाधान नहीं होने पर नुकसान होने की चेतावनी के साथ 31 दिसंबर का अल्टीमेटम भी दिया था।

अब सवाल यह उठता है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एलजेपी की नाराजगी का कारण क्या है। यह कारण क्या बिहार की सात सीटे हैं या फिर बिहार में मजबूत दिख रही महागठबंधन में जाने की इच्छा। जिस तरह से हाल के दिनों में एनडीए के दो घटक हम और रालोसपा ने एनडीए का साथ छोड़ा है वैसे में रामविलास के भी फिर से यू टर्न लेने के कयास लगने लगे हैं। बहरहाल रामविलास पासवान के ताजा रुख से एनडीए परेशानी में पड़ गई है तो महागठबंधन में उम्मीदें खिल गई हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रामविलास पासवान और चिराग पासवान का अगला रुख क्या होगा।

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