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72 सालों के इनकम टैक्स के सफर में कई बदलाव, कई समानताएं भी, ...

इनकम टैक्स का 1947 से 2019 तक का सफर,

1955 में जनसंख्या बढ़ाने के लिए मिली थी छूट,

 

15 अगस्त 1947 को जब देश का पहला बजट पेश किया गया था तब 1500 रुपये तक की इनकम को फ्री टैक्स किया गया था। 2019 में मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में यह लिमिट 5 लाख हो गई है।

1947 के पहले बजट और 2019 के बजट में कई समानताएं देखने को मिलीं। पहले बजट के समय बरसात का मौसम था और अब भी बरसात के समय बजट पेश किया गया। तब बजट का दिन शुक्रवार था और अब भी शुक्रवार को ही बजट पेश किया गया है। 

72 सालों के इनकम टैक्स के सफर में कई बदलाव देखने को मिले। 1955 में जनसंख्या बढ़ाने के लिए पहली बार देश में शादीशुदा और कुंवारों के लिए अलग-अलग टैक्स फ्री इनकम रखी गई। शादीशुदा को 2000 रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था। वहीं, कुंवारों के लिए यह लिमिट 1000 रुपये ही थी। 

भारत 1958 में बच्चों की संख्या के आधार पर इनकम टैक्स में छूट देने वाला दुनिया का इकलौता देश बना। अगर शादीशुदा हैं, पर बच्चा नहीं है तो 3000 रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं देना पड़ता था। लेकिन, एक बच्चा होने पर 3300 रुपये और 2 बच्चों पर 3600 रुयपे की आय टैक्स फ्री थी। 

1973-74 में भारत में सबसे ज्यादा टैक्स रेट था। उस समय आयकर वसूलने की अधिकतम दर 85 फीसदी कर दी गई। सरचार्ज मिलाकर यह टैक्स रेट 97.75 फीसदी पहुंच गया। 2 लाख रुपये की इनकम के बाद हर 100 रुपये की कमाई में से सिर्फ 2.25 रुपये ही कमाने वाले की जेब में जाते थे। बाकी 97.75 रुपये सरकार रख लेती थी। 

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