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रिश्वत मामले में मचे घमासान के बाद छुट्टी पर भेज दिया गया ...

नई दिल्ली देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को रिश्वत मामले में मचे घमासान के बाद छुट्टी पर भेज दिया गया है। नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले को नियमों का उल्लंघन बताया आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में राकेश अस्थाना पर निशाना साधते हुए कहा कि संवेदनशील मामलों में जांच अधिकारी से लेकर निदेशक तक की सहमति के बावजूद राकेश अस्थाना ने अलग रुख अपनाया।

आलोक वर्मा ने कोर्ट को बताया कि राकेश अस्थाना ने मोइन कुरैशी जांच जैसे संवेदनशील मामलों में रोड़े अटकाए और उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल उनकी याचिका में इस बात का भी जिक्र है कि एक स्वतंत्र और स्वायत्त सीबीआई की आवश्यकता है। वर्तमान परिस्थितियों में ऐसा कदम उस वक्त उठाया गया जब हाई फंक्शनरी के खिलाफ जांच उस दिशा में नहीं गई जो सरकार के लिए वांछनीय है वह कोर्ट में उन मामलों के विवरण प्रस्तुत कर सकते हैं जो वर्तमान परिस्थितियों का कारण बने जो बेहद संवेदनशील हैं। आलोक वर्मा की याचिका में केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि सीवीसी, केंद्र सरकार ने मुझे सीबीआई निदेशक की भूमिका से हटाने के लिए रातोंरात फैसला लिया। यह फैसला DPSE अधिनियम की धारा 4-B के विपरीत है जो एजेंसी की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई प्रमुख को 2 साल की सुरक्षित अवधि प्रदान करता है। अधिनियम के तहत PM, LoP और CJI के उच्चस्तरीय पैनल द्वारा सीबीआई निदेशक की नियुक्ति जरूरी है तो उसी तरह सीबीआई निदेशक को स्थानांतरित करने के लिए इस समिति की सहमति की आवश्यकता है। इस मामले में कानून से बाहर फैसला लिया गया आलोक वर्मा ने याचिका में केंद्र सरकार और CVC को पार्टी बनाया है। सुनवाई के लिए हामी भरते हुए सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इसकी सुनवाई करेगा।

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