Total Visitors : 6 0 2 8 5 7 7

कोरोना और क्रूड के कहर से शेयर बाजार में हाहाकार ...

सार/विस्तार

कारोबार के दौरान सेंसेक्स 2,467 अंक टूटा,19 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा सेंसेक्स, निफ्टी का 16 महीने में सबसे कम स्तर, 35,635 के स्तर पर बंद हुआ सेंसेक्स, निफ्टी 10,451 पर पहुंचा।

भारत सहित दुनियाभर में फैल रहे कोरोनावायरस का संकट शेयर बाजारों पर पूरी तरह हावी हो गया है। इसके असर से क्रूड के दाम तीन दशक के निचले स्तर पर चले गए। इसके बाद सोमवार को बीएसई और एनएसई पर इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट दिखी। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 2,467 टूट गया जबकि निफ्टी 600 से ज्यादा अंक लुढ़का। बाद में बाजार थोड़ा सुधरा तो लेकिन रिकॉर्ड गिरावट के साथ ही बंद हुआ।

दरअसल, कच्चे तेल के उत्पादन में रूस और सऊदी अरब के बीच सहमति नहीं बनने के बाद सऊदी प्रिंस ने तेल के दाम में बड़ी कटौती कर दी। इसका असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दिखा। भारतीय शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 1,941 अंकों या 5.17 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट के साथ 35,634.95 के स्तर पर बंद हुआ।

फीसदी के लिहाज से यह 11 वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट है, जबकि सेंसेक्स डेढ़ साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले सेंसेक्स का निचला स्तर जून 2018 में 35,622 रहा था, जबकि सेंसेक्स में सबसे बड़ी गिरावट 24 अगस्त, 2015 को 1,624.51 अंकों की रही थी।

एक दिन में गिरावट का भी रिकॉर्ड टूटा

इंट्राडे (एक दिन के भीतर) कारोबार में देखा जाए तो सेंसेक्स में 22 जनवरी 2008 को 2,273 अंकों की गिरावट आई थी, लेकिन सोमवार को यह रिकॉर्ड भी टूट गया।

निफ्टी का एक दशक में सबसे खराब दिन 

निफ्टी ने भी कारोबार के दौरान 600 से ज्यादा अंकों का गोता लगाया और आखिर में 538 अंक या 4.90 फीसदी के नुकसान के साथ 10,451.45 पर बंद हुआ। निफ्टी का यह अक्तूबर 2018 के बाद सबसे निचला स्तर है। इसके अलावा निफ्टी में 2009 के बाद सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट भी दिखी है। निफ्टी के 50 स्टॉक में से सिर्फ 47 लाल निशान पर रहे।

रिलायंस में 8 साल की बड़ी गिरावट

बाजार में जारी कोहराम का सबसे ज्यादा असर तेल क्षेत्र की कंपनियों पर हुआ। ओएनजीसी के शेयर 16 फीसदी टूट गए जबकि हैवीवेट रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के शेयरों में 12 फीसदी गिरावट आई, जो 2012 के बाद सबसे ज्यादा है। इस गिरावट से ओएनजीसी के बाजार पूंजीकरण को 1 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी जबकि रिलायंस का बाजार पूंजीकरण 1.08 लाख करोड़ रुपये कम होकर 7 लाख करोड़ से नीचे आ गया। इसके अलावा एसबीआई के शेयरों में 6 फीसदी गिरावट जबकि यस बैंक में अप्रत्याशित रूप से 31 फीसदी का उछाल दिखा।

दुनिया के बाजारों का हाल

यूरोपीय बाजार में 6 फीसदी गिरावट, 2016 के बाद सबसे ज्यादा। ब्रिटेन का एफटीएसई 8.8 फीसदी टूटकर 2008 के बाद निचले स्तर पर। जापान का निक्केई 5.1 फीसदी टूटकर 14 महीने के निचले स्तर पर। शंघाई कंपोजिट और हांगकांग 5 फीसदी तक टूटे। अमेरिका के डाउ जोंस में 4 फीसदी की गिरावट। पाकिस्तान का बाजार 5 फीसदी से ज्यादा टूटा, कारोबार बंद करना पड़ा।

Related News

Leave a Reply