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अब तक प्रदेश में स्वाइन फ्लू 220पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं ...

राजस्थान प्रदेश में बेकाबू हो रहे स्वाइन फ्लू ने सरकार की सांसें फूला दी है। नए साल में सात दिन में स्वाइन फ्लू से पीड़ित आठ लोग मौत शिकार हो चुके हैं। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद स्वाइन फ्लू के वायरस को रोक पाना मुश्किल हो रहा है। स्वाइन फ्लू का प्रकोप सीएम अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र जोधपुर संभाग में सबसे ज्यादा हो रहा है उसके बाद कोटा में भी इसने कहर बरपा रखा है।

स्वाइन फ्लू से 1 जनवरी से अब तक जनवरी तक आठ मौतें हो चुकी हैं यानि रोजाना एक पीड़ित की मौत हो रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वाइन फ्लू से यह सभी मौतें जोधपुर में हुईं। रविवार तक स्वाइन फ्लू से छह मौतें हो चुकी थी। उसके बाद सोमवार को जोधपुर में दो और मरीजों ने दम तोड़ दिया। इनमें एक मरीज की मौत सुबह 7.30 बजे हुई उसके पांच घंटे बाद ही 12.30 एक और स्वाइन फ्लू पीड़ित ने दम तोड़ दिया। जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में अभी भी स्वाइन फ्लू पीड़ित छह रोगी वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। प्रदेश में इसके अब तक 220 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। तेज सर्दी के चलते स्वाइन फ्लू पर अब तक लगाम नहीं लग पाई है।

जोधपुर में स्वाइन फ्लू के तेजी से फैल रहे प्रकोप को देखते हुए सोमवार को सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में सुबह होने वाली प्रार्थना पर रोक लगा दी गई है। वहीं खांसी-जुकाम से पीड़ित बच्चों को स्कूल से छुट्टी देने के आदेश भी जारी किए गए हैं। जिला कलक्टर ने भी रविवार को मेडिकल कॉलेज का दौरा कर वरिष्ठ चिकित्सकों से इस पर चर्चा की। जल्द ही स्कूलों में सर्वे भी कराया जाना भी संभावित है।

दूसरी तरफ स्वाइन फ्लू को लेकर सियासत भी गरमा रही है। बीजेपी और कांग्रेस में इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। सोमवार को मीडिया से बातचीत में सीएम अशोक गहलोत ने स्वाइन फ्लू के केस बढ़ने की बात स्वीकार करते हुए आमजन से जागरुक रहने की अपील की। गहलोत ने कहा कि स्वाइन फ्लू को लेकर सरकार गंभीर है। उन्होंने पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के दौरान स्वाइन फ्लू से विधायक की मौत का मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि उस वक्त सरकारी व्यवस्थाएं ठीक नहीं थी।

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