एचआरडी ने निर्धारित किए बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के घंटे ...
एचआरडी मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन
ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों के स्वास्थ पर बढ़ते दुष्प्रभाव से चिंतित अभिभावकों द्वारा निरंतर की जा रही माँग को संज्ञान में ले एचआरडी मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन क्लासेस की समय सीमा निर्धारित करने का फैसला लिया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए स्कूलों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्क्रीन टाइमिंग को निर्धारित कर दिया है।
नई दिल्ली:- मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंगलवार को स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज के लिए गाइडलाइन जारी की है और किसी एक दिन में सेशन और कुल स्क्रीन टाइम की समय सीमा निर्धारित कर दी है। मंत्रालय द्वारा यह गाइडलाइन इसलिए जारी की गई है क्योंकि कोविड-19 के कारण बंद होने के बाद स्कूल बिल्कुल रेग्युलर कक्षाओं जितनी लंबी क्लासेज चला रहे थे जिसकी वजह से बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज की टाइमिंग काफी बढ़ गई थी।
शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य का रखा जाएगा खयाल
इन दिशा निर्देशों में डिजिटल शिक्षा के दौरान शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य एवं कुशलता से जुड़े पक्षों पर ध्यान देने पर भी जोर दिया गया है। इसमें साइबर सुरक्षा, आचार, साइबर सुरक्षा को बनाये रखने के लिए उठाये जाने वाले एहतियात पर भी बल दिया गया है। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए देश के स्कूलों में अभी डिजिटल माध्यम से पठन-पाठन का कार्य चल रहा है।
गाइडलाइंस
'प्राज्ञाता', मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस में कहा गया कि प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए रोज़ाना अधिकतम दो सेशन किये जा सकते हैं जिसका स्क्रीन टाइम आधे घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इसी तरह से पहली से आठवीं कक्षा तक के लिए रोज़ाना दो सेशन किए जा सकते हैं जिनमें प्रत्येक का स्क्रीन टाइमिंग अधिकतम 45 मिनट का होगा। वहीं 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए रोज़ाना अधिकतम चार क्लासेज के लिए सिफारिश की गई है जिनकी स्क्रीन टाइमिंग आधे घंटे से 45 मिनट तक की जा सकती है। बता दें कि कोविड-19 की वजह से करीब 24 करोड़ बच्चे प्रभावित हुए हैं। स्कूल के बंद होने से इनकी पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा, ‘‘डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा पर यह दिशा निर्देश बेहतर गुणवत्ता के साथ ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने में मददगार होगा.’’ इन दिशा निर्देशों में डिजिटल ऐक्सेस वाले छात्रों, सीमित डिजिटल पहुंच वाले छात्रों या डिजिटल पहुंच से वंचित छात्रों, सभी के लिए एनसीईआरटी के वैकल्पित अकादमिक कैलेंडर के उपयोग पर जोर दिया गया है।
ऑनलाइन शिक्षा को लेकर सुझाए गए हैं आठ कदम
प्राज्ञाता दिशा निर्देश में डिजिटल या ऑनलाइन शिक्षा को लेकर आठ कदम सुझाए गए हैं जिसमें योजना, समीक्षा, व्यवस्था, मार्गदर्शन, वार्ता, कार्य, निगरानी और सराहना शामिल है। इसमें स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुझाव दिये गए हैं जिनमें मूल्यांकन की जरूरत, ऑनलाइन शिक्षा के दौरान अवधि, समावेश, ऑनलाइन संतुलन, ऑफलाइन गतिविधि आदि को लेकर योजना बनाते समय विभिन्न चिंताओं को ध्यान में रखने की बात कही गई है।
Leave a Reply