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सत्ता के नशे में चूर सर्वगुण सम्पन्न भाजपा नेताओं की माया . ...

सर्वगुण सम्पन्न नेता जी की माया

जूता चप्पल बल्ला कांड के बाद भाजपा नेताओं की नई पेशकश

प्रधानमंत्री मोदी जी की सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास की परिभाषा  के परिचालन के विपरीत जिसकी लाठी उसकी भैस के तर्ज पर चल रही भाजपा के नेताओ ने अब कानून को ताख पर रख स्वयं कानून की ठेकेदारी अपने हाथो में ले रखी है।जिसके कई उदहारण आप के समक्ष है।इंदौर नगर निगम कर्मचारी पर बीजेपी नेता कैलाश विजय वर्गीय के विधायक बेटे का बल्ला मार कांड अभी ठंडा नहीं हुआ कि बीजेपी के एक और नेता ने एक अधिकारी की पिटाई कर दी।

ताज़ा मामला सतना के रामनगर का है,
जहां के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को गंभीर अवस्था में उपचार के लिये रीवा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले में बीच बचाव करने पहुँचे आधा दर्जन पार्षद भी नेता जी के क्रोध का शिकार बन पिट गए जिनमें तीन महिला पार्षद भी हैं। सीएमओ  का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने अध्यक्ष के करोड़ों के घोटाले की शिकायत की थी और अध्यक्ष अब लगभग आठ करोड़ के गबन के मामले में जमानत पर हैं।
रामनगर नगर परिषद में आज शाम को हड़कंप मच गया जब अचानक अध्यक्ष रामसुशील पटेल उनके कई समर्थकों ने सी एम ओ देव रत्न सोनी के चेम्बर में घुसकर जमकर मार पीट शुरू कर दी। इस दौरान परिषद में अफरा तफरी का माहौल बन गया बीच बचाव करने वाले कई ठेकेदार और आधा दर्जन पार्षद भी घायल हो गए। विवाद परिषद की बैठक के पहले ही शुरू हो गया। बैठक में पहले से प्रधान मंत्री आवास घोटाले की जाँच का मुद्दा गरमाया था जिसमें अध्यक्ष  पर फर्जी वाड़े की जाँच चल रही थी।
शुक्रवार को रामनगर परिषद में पी आई सी की बैठक होती कि इसके पहले अध्यक्ष राम सुशील पटेल ने अपने समर्थकों के साथ सीएमओ पर हमला कर दिया। सीएमओ ने आरोप लगाया है कि अध्यक्ष अपने खिलाफ मामले के उजागर होने  से नाराज़ थे। परिषद की बैठक में विवाद की सूचना थाना प्रभारी को दी गई थी लेकिन पुलिस 2 घंटे बाद पहुंची। फिलहाल पुलिस ने रामसुशील पटेल पर आईपीसी की धारा 353, 332, 294, 506B/34 के तहत उन्हें गिरफ्तार कर लिया था, अदालत ने उन्हें मैहर जेल भेजा दिया।

घटना के पीछे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 453 लोगों को अपात्र करने का मुद्दा था। जिसका सीएमओ ने यह कहते हुए जवाब देने से इंकार कर दिया कि यह उनका विशेष अधिकार है। इसी दौरान अध्यक्ष और सीएमओ के बीच तीखी बहस शुरू हो गई और अध्यक्ष रामसुशील ने सीएमओ सोनी पर डंडे से हमला कर दिया।

एक दिन पहले जिन्हें किया निलंबित उन्हीं की लगा दी ड्यूटी तो भड़क उठे अध्यक्ष शुक्रवार को हुई घटना के पीछे का कारण एक दिन पहले गुरुवार को हुई पीआईसी बैठक को माना जा रहा है। दरअसल, बैठक में नगर परिषद अध्यक्ष ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए परिषद के पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने सीएमओ के निलंबन का प्रस्ताव भी पास किया। हालांकि सीएमओ का निलंबन प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में आने के कारण रुक गया।
लेकिन नगर परिषद के पांच कर्मचारी राजेन्द्र वर्मा, रत्नेश पांडेय, दिवाकर मिश्रा, अजय द्विवेदी व महेन्द्र तिवारी को निलंबित कर दिया गया था, पर शुक्रवार को सीएमओ सोनी ने पीआईसी की फिर हुई बैठक में इन्हीं निलंबित कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी, जिसे देखकर अध्यक्ष भड़क उठे और सीएमओ से कहासनी शुरू हो गई और फिर मारपीट में बदल गई। 
सीएमओ जानबूझकर पात्र हितग्राहियों को अपात्र कर रहे हैं। यह सब पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह के इशारे पर हो रहा है। जब उन्हें ऐसा करने से मना किया तो वो परिषद के कर्मचारियों के साथ मिलकर मारपीट करने लगे। मैंने थाने में आवेदन दिया है। राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते सीएमओ की रिपोर्ट एकतरफा दर्ज कराई गई है। रामसुशील पटेल, अध्यक्ष नगर परिषद रामनगर
मैं बैठक में था, इसी समय अध्यक्ष अपने समर्थकों के साथ मीटिंग कक्ष में आए और बातचीत किए बिना ही मारपीट शुरू कर दी। उनके द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं।

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