विश्व बैंक का सिंधु जल समझौते में मध्यस्थता से इनकार ...
सिंधु जल समझौते पर बातचीत करेंगे भारत-पाकिस्तान, लेकिन यहां अटकी बात!
भारत द्वारा ये प्रस्ताव मिलने के बाद पाकिस्तान ने कहा है कि दोनों देशों के बीच यह बातचीत अटारी बॉर्डर पर होनी चाहिए। हालांकि भारत चाहता है कि यह वर्चुअल मीटिंग हो।
नई दिल्ली:- भारत ने सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान की तरफ एक बार फिर से बातचीत करने के लिए प्रस्ताव रखा है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान से सिंधु जल आयोग की आभासी बैठक आयोजित करने को कहा है। भारत द्वारा ये प्रस्ताव मिलने के बाद पाकिस्तान ने कहा है कि दोनों देशों के बीच यह बातचीत अटारी बॉर्डर पर होनी चाहिए। हालांकि भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत चाहता है कि यह बातचीत वर्चुअल तरीके से हो।
भारत ने पाकिस्तान के सामने बातचीत का प्रस्ताव ऐसे समय में रखा है जब विश्व बैंक ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए भारत के साथ सालों से चल रहे उसके जल विवाद में मध्यस्थता करने से इनकार कर दिया है।
जल विवाद पर हम कुछ नहीं कर सकते
8 अगस्त को वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को दो टूक लहजे में कहा है कि दोनों देशों को किसी तटस्थ विशेषज्ञ या न्यायालय मध्यस्थता की नियुक्ति पर विचार करना चाहिए। इस विवाद में हम कुछ नहीं कर सकते हैं। इस्लामाबाद में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने पर विश्व बैंक के पाकिस्तान मामलों के पूर्व निदेशक पेटचमुथु इलंगोवन ने कहा कि इस विवाद को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों को साथ मिलकर काम करने की जरुरत है। बता दें कि पाकिस्तान ने विश्व बैंक से भारत के दो जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन की नियुक्ति के लिए अनुरोध किया था।
कब हुआ सिंधु जल समझौता?
पानी को लेकर जब भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद जब ज्यादा बढ़ गया तब 1949 में अमेरिकी विशेषज्ञ और टेनसी वैली अथॉरिटी के पूर्व प्रमुख डेविड लिलियंथल ने इसे तकनीकी रूप से हल करने का सुझाव दिया। उनके राय देने के बाद इस विवाद को हल करने के लिए सितंबर 1951 में विश्व बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष यूजीन रॉबर्ट ब्लेक ने मध्यस्थता करने की बात स्वीकार कर ली। जिसके बाद 19 सितंबर, 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता हुआ।
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