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दर्शकों ने राजनीति करार देकर फिल्म से सबक लेने की कही बात ...

दर्शकों ने छपाक को सराहा

जेएनयू में नकाबपोश बदमाशों के हमले में घायल छात्र-छात्राओं का हालचाल लेने अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जाने के बाद विवादों में आई उनकी फिल्म छपाक को रिलीज के पहले ही दिन शुक्रवार को दर्शकों ने खूब सराहा। फिल्म में एसिड हमले की शिकार युवतियों को अभिनय का मौका मिलने पर दर्शकों ने खुशी जाहिर की। फिल्म के बहिष्कार को कई दर्शकों ने राजनीति करार देकर फिल्म से सबक लेने की बात कही।

कानपुर की स्वाति कहती है फ़िल्म का बहिष्कार गलत है, किस आधार पर एक सत्य घटना पर आधारित फिल्म का बहिष्कार  राजनीतिक मंशा अनुसार किया जा सकता है। लखनऊ की अमिता  त्रिपाठी ने कहा कि फिल्म सच्ची घटना बयां कर रही है। ये फिल्म समाज की संवेदनहीनता को दर्शाती है तो वहीं लड़कियों को मुश्किल हालात में लड़ने का भी संदेश देती है। फिल्म के बहिष्कार से हमें कोई लेनादेना नही है। बबिता ने कहा कि छपाक बेहतरीन फिल्म है। जो हमें बताती है कि बहिष्कार करना है तो लड़कियों के साथ इस तरह की हैवानियत करने वालों का किया जाए।
सीतापुर से सिर्फ फिल्म देखने आए मिर्जा आदिल, मो. आफताब ने कहा कि देश के तमाम इलाकों में एसिड हमले की घटनाएं कम होने के बजाए बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में फिल्म एक साफ संदेश दे रही है कि एसिड की बिक्री पर सख्ती से रोक लगे ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

रवि चौरसिया, राजन दीक्षित, महताब खान, सौरभ सिंह ने कहा कि फिल्म काफी अच्छी है, सभी को देखनी चाहिए। फिल्म को लेकर विवाद पर उन्होंने कहा कि फिल्म एक सामाजिक मुद्दे पर है जबकि विरोध करने वाले राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेएनयू में हिंसा के शिकार छात्र-छात्राओं का हालचाल लेने जाने का फिल्म से क्या मतलब है। जिन लोगों पर हिंसा का आरोप है, वही लोग फिल्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।

‘एसिड बुरी चीज है, किसी को न मिले’

आलिया हैदर, रीना, मधू, महम, पायल, अंजली कहती हैं कि फिल्म में एसिड फाइटर्स के जज्बातों को बेहद संजीदगी से पेश किया गया है। एसिड फाइटर्स समाज से सिर्फ प्यार चाहती हैं, लेकिन उन्हें घृणा की नजर से देखा जाता है। हमें उनके बीच प्यार बांटने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जेएनयू जाकर दीपिका ने कोई गलत काम नहीं किया। हिंसा की शिकार छात्र-छात्राओं की सुनने वाला कोई नहीं है तो किसी को तो जाना ही होगा। छह साल की आयतल हैदर फिल्म को अच्छी बताते हुए सिर्फ एक बात कहती हैं कि एसिड बहुत बुरी चीज है। ये किसी को नहीं मिलनी चाहिए। राजधानी की सौम्या सिंह ने कहा कि फिल्म में दीपिका सहित सभी कलाकारों ने अच्छा अभिनय किया है। फिल्म में एसिड फाइटर्स की संवेदनाओं को काफी संवेदनशीलता से दर्शाया गया है। ऐसे में फिल्म के बहिष्कार का सवाल ही नहीं उठता है।

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