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विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने कई बार इस मुद्दे को उठाया था ...

राजस्थान सरकारी दस्तावेजों से अब बीजेपी के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र हट जाएंगे। राज्य के प्रशासनिक सुधार विभाग ने सरकारी दस्तावेजों व लेटर पैड पर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का फोटो और लोगो हटाने का आदेश जारी कर दिया है। गहलोत कैबिनेट की पहली बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया था।

अब मुद्रण व लेखन सामग्री विभाग ने पिछली सरकार के 11 दिसंबर, 2017 के उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें उपाध्याय का फोटो और लोगो लगाने को कहा गया था। पिछली सरकार में 11 दिसंबर, 2017 को यह नीतिगत निर्णय लिया गया था कि सरकारी लेटर पैड और सरकारी दस्तावेजों पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के लोगों का उपयोग अशोक चिन्ह के साथ किया जाए। इस निर्णय के तहत सरकारी दस्तावेजों और सरकारी लेटर पैड पर इसका उपयोग होने लगा था गहलोत कैबिनेट ने अपनी पहली बैठक में ही इस बारे में नीतिगत निर्णय लिया कि यह लोगो हटाया जाएगा। इसे सरकार ने सरकारी लोकाचार के नीतिगत मानदंडों के खिलाफ बताया था।

खास तौर पर अशोक चिन्ह के साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय का लोगो लगाने को लेकर आपत्ति थी। वसुंधरा राजे सरकार में भी कांग्रेस जब विपक्ष में थी तब उसने बार-बार यह मुद्दा उठाया था। सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय का लोगो सरकारी लेटर पैड और सरकारी दस्तावेजों में हटाने का निर्णय ले लिया था। अब इसके बारे में मुद्रण व लेखन सामग्री विभाग ने आदेश जारी कर दिया। यह आदेश सरकारी विभागों के साथ-साथ निगम, बोर्ड और अन्य स्वायत्तशासी निकायों पर भी लागू होगा।

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