‘ब्रीफकेस‘ नहीं बही-खाता लेकर पहुंचीं सीतारमण ...
गरीब को बल और युवाओं को बेहतर कल मिलेगा:पीएम मोदी
बजट में पेट्रोल, डीजल पर उपकर में प्रति लीटर एक रुपये की वृद्धि।
सोना पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया।
इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को लेकर लिये गए कर्ज पर ब्याज भुगतान में 1.5 लाख रुपये की आयकर छूट।
अब आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन कार्ड जरूरी नहीं, आधार का इस्तेमाल कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बजट देश को विश्वास दे रहा है कि दिशा और गति सही है तो लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह बजट 21वीं सदी की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है। इससे विकास की रफ्तार तेज होगी। बजट से गरीब को बल मिलेगा और युवाओं को बेहतर कल मिलेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बजट पर कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू इंडिया के लिए बजट पेश किया है। यह बजट देश के किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के सपनों को साकार करने वाला है।
पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा होगा। पेट्रोल-डीजल पर एक-एक रुपये का अतिरिक्त सेस। सोने पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 12.5 फीसदी की गई। विदेशों से किताब मंगवाना पांच फीसदी मंहगा। इस साल राजकोषीय घाटे को 3.4 से घटाकर 3.3 प्रतिशत किया गया। ऑटो पार्ट्स, सीसीटीवी और मार्बल महंगा।
एयर इंडिया के विनिवेश की योजना फिर शुरू होगी। हाउसिंग लोन पर 3.5 लाख की छूट। 45 लाख का घर खरीदने पर डेढ़ लाख रुपये की अतिरिक्त छूट। ब्याज पर छूट बढ़कर दो से साढ़े तीन लाख हुई। खाते से साल में एक करोड़ की निकासी पर दो प्रथिशत टीडीएस लगेगा। पैन की जगह आधार कार्ड के जरिए टैक्स का भुगतान कर सकेंगे। नकद लेन-देन को कम करने पर जोर। दो करोड़ की आय पर टैक्स में कोई बदलाव नहीं। 2-5 करोड़ की कमाई पर तीन फीसदी अतिरिक्त टैक्स। पांच करोड़ से ज्यादा की आय पर सात फीसदी अतिरिक्त कर।
डायरेक्ट टैक्स वसूली में 78 प्रतिशत का इजाफा। डायरेक्ट टैक्स वसूली बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपये हुई। एसएचजी में एक महिला को मुद्रा स्कीम के तहत एक लाख रुपये का कर्ज। कॉर्पोरेट टैक्स का बढ़ा दायरा। 400 करोड़ रुपये से कम के टर्नओवर वाली कंपनियों को छूट। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर टैक्स 12 प्रतिशत से घटकर 5 फीसदी। ब्याज पर भी राहत मिलेगी। कॉरपोरेट टैक्स के दायरे में 0.7 प्रतिशत कंपनिया। 400 करोड़ रुपये के रिटर्न पर कंपनियों को 25 फीसदी कॉरपोरट टाक्स देना होगा।
बीते एक साल में एनपीए घटकर एक लाख करोड़ रुपये रह गया है। अगले पांच साल में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र सरकार 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। युवाओं को महात्मा गांधी के मूल्यों से अवगत कराने के लिए 'गांधीपीडिया' बनाएंगे। देश के हर जिले में महिला स्वयं सहायता समूह योजना शुरू होगी। 2019-20 में एक लाख पांच हजार करोड़ रुपये विनिवेश से प्राप्त करना सरकार का लक्ष्य। नेत्रहीनों के लिए पांच और दस रुपये के नए सिक्के बनाएंगे। भारत का बजट घाटा पांच फीसदी से भी कम। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब 20 रुपये का सिक्का आएगा। साथ ही एक, दो , पांच और दस रुपये के सिक्कों की नई सीरीज जारी की जाएगी।
वित्त मंत्री ने एलान किया कि जनधन खाताधारक महिलाओं को 5000 रुपये ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाएगी। महिलाओं के लिए अलग से एक लाख रुपये के मुद्रा लोन की व्यवस्था की जाएगी। अब एनआरआई को भारत आते ही आधार कार्ड देने की सुविधा मिलेगी, साथ ही अब उन्हें 180 दिनों तक भारत में रहने की जरूरत नहीं है।
सरकारी बैंकों की स्थिति सुधारी जिसका असर दिखने लगा है। सुधारों से बैंकों का एनपीए घटा। चार लाख करोड़ का कर्ज वसूला गया। बैंकिंग को हर दरवाजे तक पहुंचाएंगे। सरकारी बैंकों के लिए 70 हजार करोड़ का प्रावधान। क्रेडिट ग्रोथ 13.8 फीसदी बढ़ी। एनबीएफसी की फंडिंग पर रोक नहीं लगेगी। 2019-20 में चार दूतावास खोले जाएंगे। सरकारी बैंकों को 70 हजार करोड़ की मदद दी। एनबीएफसी को बाजार से कर्ज जुटाने में मदद करेंगे।
यह सरकार महिला उद्यमिता को प्रमोट कर रही है। मुद्रा, स्टार्टअप और स्टैंडअप स्कीम के तहत उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार आईडीएएस योजना के लिए रियायती वित्त पोषण उपलब्ध कराती है। पारंपरिक उत्पादों और कारीगारों को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए मिशन शुरू होगा। उजाला योजना के जरिए सलाना 18,341 करोड़ रुपये की बचत। भारत की जल सुरक्षा और नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता। 2024 तक करेंगे इस पर काम। सरकार 17 पर्यटन स्थलों को विश्व स्तरीय स्थलों के तौर पर विकसित कर रही है।
256 जिलों में जल प्रबंधन की स्थिति दयनीय। 2024 तक इनमें सुधार के लिए काम होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी एक सुनहरी कहानी है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां महिलाओं का अद्भुत योगदान न हो। महिलाओं के लिए 'नारी तू नारायणी' का नारा दिया। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि महिलाओं के विकास के बिना किसी भी देश का विकास नहीं हो सकता। इस बार चुनाव में महिलाओं ने रिकॉर्ड मतदान किया। 78 महिला सांसद चुनी गई हैं जोकि एक रिकॉर्ड है।
एक करोड़ छात्रों के लिए स्किल योजना। विदेशी छात्रों के लिए स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम लाएंगे। स्टैंडअप इंडिया स्कीम का महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को लाभ मिलेगा। श्रमिकों के लिए चार और कोर्ट बनेंगे। स्टार्टअप के लिए दूरदर्शन पर कार्यक्रम लाएंगे। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को 60 साल के बाद 3,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी। अब तक इस योजना से 30 लाख लोग जुड़ चुके हैं।
स्वच्छता अभियान के तहत अब हर गांव में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। दो अक्टूबर 2014 से अब तक 9.6 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है। राजघाट पर राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र बनेगा जिसका दो अक्तूबर को उद्घाटन किया जाएगा। राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड का गठन होगा। खेलो भारत योजना का विस्तार होगा। उच्च शिक्षा के लिए 400 करोड़ दिए जाएंगे। विदेश में नौकरी के लिए जरूरी प्रशिक्षण देंगे।
एमएसएमई के लिए 350 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ। अगले पांच सालों में 1,25,000 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य है। पारंपरिक उद्योगों के विकास के लिए योजना बनाई जाएगी। गांवों को बाजार से जोड़ने वाली सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए पीएम ग्राम सड़क योजना का तीसरा फेज शुरू किया जाएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई जाएगी। समग्र अनुसंधान प्रणाली को मजबूत करेंगे। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाया जाएगा। टॉप 200 में भारत के तीन शिक्षण संस्थान हैं। ऑनलाइन कोर्स बढ़ाने पर फोकस होगा।
इसरो की मदद और अभियानों को आगे बढ़ाने के लिए न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का गठन किया जाएगा। अंतरिक्ष में भारत बड़ी ताकत बनकर उभरा। हर पंचायत को इंटरनेट से जोड़ेंगे। दो करोड़ से ज्यादा लोगों को डिजिटल साक्षर बनाया। 5.6 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए हैं। अक्तूबर 2019 तक देश खुले में शौच से मुक्त हो जाएगा। शहरों में सुविधाएं बढ़ाने पर जोर। शहरों में 26 लाख से ज्यादा घर बनाए गए। पीएम आवासा योजना के तहत शहरों में 81 लाख घर बनाए जाएंगे। रेलवे में निजी भागीदारी बढ़ाई जाएगी।
हर साल ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया जाएगा। दुनिया भर से लोगों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। किसानों के जीवन को आसान बनाएंगे। देशभर में 10 हजार उत्पादक संघ बनाए जाएंगे। जल शक्ति मंत्रालय जल संसाधनों का प्रबंधन करेगा। गांव में हर घर तक पानी पहुंचाया जाएगा। जल आपूर्ति प्रबंधन का लक्ष्य हासिल करेंगे। दुग्ध उत्पादन को बढ़ाया जाएगा। दालों के उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर बना।
इस साल भारत तीन ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा। पीएम ग्रामीण सड़क योजना के जरिए 30 हजार किलोमीटर सड़क बनाई गई। इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर छूट मिलेगी। सिंगल ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ेगी। अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाएंगे। पांच साल में 1.25 लाख सड़क बनाएंगे। सार्वजनिक उपक्रम पर सस्ते घर बनाएंगे।
किराए के मकान के लिए कानून बनेगा। अंतरिक्ष विज्ञान पर सरकार का पूरा ध्यान है। हम 114 दिनों में घर बनाकर दे रहे हैं। पहले 314 दिनों में बनते थे। गांव में हर परिवार को बिजली कनेक्शन देंगे। 2022 तक सभी को घर देने की योजना है। 2022 तक 1.95 करोड़ घर बनाएं जाएंगे। उज्जवला के जरिए सात करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए। रोजाना 135 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा रहा है।
उड़ान योजना के जरिए आम नागरिक हवाई यात्रा का लाभ उठा रहा है। लाइसेंस और कोटा राज के दिन लद चुके हैं। रेलवे में तेजी से सुधार लाने और यात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत काम किया जाएगा। सरकार के केंद्र में गांव, गरीब और किसान हैं।
एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में हमें 55 साल का समय लगा। पिछले पांच सालों में हमने अर्थव्यवस्था में एक ट्रिलियन डॉलर को जोड़ा है। मुद्रा लोन, अन्य योजनाओं के जरिए लोगों का जीवन बदल रहा है। पानी और गैस के लिए भी एक राष्ट्रीय ग्रिड बनाया जाएगा। रेलवे ढांचे में सुधार लाने के लिए 2018 से 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है।
300 किलोमीटर की नई मेट्रो लाइन को मंजूरी और इलेक्ट्रिक वाहनों में विशेष छूट दी गई है। सागरमाला परियोजना के जरिए नए बंदरगाहों का विकास हुआ है। भारत अब रोजगार देने वाला देश बन गया है। बीमा में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश होगा। डेढ़ करोड़ तक टर्नओवर वाले दुकानदारों को पेंशन दी जाएगी। मीडिया सहित कई क्षेत्रों में विदेशी निवेश बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
छोटे और मझोले उद्योगों के लिए केवल 59 मिनट में कर्ज को मंजूरी दी जाएगी। हम एक देश एक ग्रिड के जरिए सभी राज्यों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराएंगे। इससे सभी राज्यों को सही दाम पर हर समय बिजली मिलेगी। 2020 तक वाराणसी से हल्दिया जलमार्ग का कार्य पूरा हो जाएगा। सरकार की पहली प्राथमिकता नेशनल हाइवे ग्रिड है।
हम लालफीताशाही को और कम करेंगे। कारोबारी माहौल को और बेहतर बनाएंगे। हमने पहले कार्यकाल में सशक्त देश के लिए सशक्त नागरिक के उद्देश्य पर काम किया है। हमारा लक्ष्य नए औद्योगिक कॉरिडोर बनाना है। छोटे और मझोले उद्योगों में रोजगार बढ़ाने का जोर दिया जाएगा।
गरीब महिलाओं की रसोई में सिलेंडर पहुंचाए गए। पिछले पांच सालों मे दिवालिया कानून जैसे सुधार देखे हैं। आम लोगों की चिंता को लेकर कई योजनाएं बनाई गईं। हमारा फोकस अंतरिक्ष कार्यक्रम, ब्लू इकॉनमी, जल प्रबंधन, स्वस्थ समाज और नागरिकों की सुरक्षा पर होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सरकार क्रियाशील सरकार रही है। 2014 से 2019 के दौरान हमने केंद्र और राज्य के संबंधों को नई ऊंचाइंया दी। भौतिक और सामाजिक अवसरंचना निर्माण, डिजिटल इंडिया, हरित भारत, चिकित्सा उपकरणों पर जोर, मेक इन इंडिया पर हमारा फोकस होगा। सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है।
पांच साल पहले भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। मगर अब हम पांचवें नंबर पर आ गए हैं। देश ने लोकतंत्र का उत्सव मनाया। हमें दोबारा सत्ता देकर जनता ने नेशन फर्स्ट को माना। हमारा रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म पर जोर है। कोऑपरेटिव फेडरलिज्म में विश्वास बढ़ा है। जीएसटी के जरिए आर्थिक अनुशासन की दिशा में काम बढ़ा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट शुक्रवार को लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि भारत की जनता ने जनादेश के माध्यम से हमारे देश के भविष्य के लिए अपने दो लक्ष्यों- राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक वृद्धि पर मुहर लगाई है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में 3,000 अरब डॉलर की हो जाएगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि कि हमारा उद्देश्य है, मजबूत देश के लिए मजबूत नागरिक।
‘ब्रीफकेस‘ नहीं बही-खाता लेकर पहुंचीं सीतारमण
पूर्व की परंपरा को छोड़ते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट के दस्तावेज एक लाल बैग में लेकर पहुंचीं। यह परंपरागत ‘बही-खाते’ की याद दिला रहा था। इससे पहले विभिन्न सरकारों में सभी वित्त मंत्री बजट पेश करने के लिए बजट दस्तावेज ब्रीफकेस में लेकर जाते रहे हैं, जिसे औपनिवेशिक अतीत की याद दिलाता था।
वह बजट दस्तावेज लाल रंग के बैग में लेकर पहुंचीं जिसपर राष्ट्रीय चिह्न बना हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी शाम पांच बजे बजट पेश करने की अतीत की परंपरा को बदला था।
उसके बाद से सभी सरकारों में बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता रहा है। परंपरागत भारतीय व्यापारी अपना हिसाब-किताब बही खाता में रखते हैं।
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