प्राणों पर भारी प्रदूषण: सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा ...
सार
वायु प्रदूषण के लिए मैनुअल सड़क सफाई, सड़क व निर्माण धूल, बिजली संयंत्र मिशन सहित अन्य को पाया गया। कहा गया कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने की समस्या होती है। प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारी के संबंध में 10,366 लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी।
दिल्ली-एनसीआर को बीमार कर रहा प्रदूषण -
दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले 75 फीसदी परिवार में कोई न कोई गले में खराश, खांसी और आंखों में जलन से परेशान है। खराब होती आबोहवा के बीच लोकन सर्कल नाम की संस्था ने एक सर्वेक्षण किया।
इसमें दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद सहित दिल्ली एनसीआर में रहने वाले 32 हजार से अधिक लोगों से प्रतिक्रियाएं ली गईं। इस जवाब देने वालों में 69 फीसदी पुरुष और 31 फीसदी महिलाएं थी। इस सर्वेक्षण में पाया गया कि दिल्ली एनसीआर के 38 फीसदी घरों में किसी न किसी को सांस लेने में कठिनाई होती है।
वायु प्रदूषण से परेशान 60 फीसदी लोगों ने कहा कि बचाव के लिए अधिक प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की योजना बना रहे हैं। 50 फीसदी लोगों ने प्रदूषित हवा में सांस लेने से रोकने के लिए प्रदूषण-रोधी मास्क पहनने की योजना बनाई है।
वायु प्रदूषण के लिए मैनुअल सड़क सफाई, सड़क व निर्माण धूल, बिजली संयंत्र मिशन सहित अन्य को पाया गया। कहा गया कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने की समस्या होती है। प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारी के संबंध में 10,366 लोगों ने प्रतिक्रियाएं दीं। इनमें से 75 फीसदी लोगों ने गले में खराश, खांसी, आंखों में जलन की बात कही। 38 फीसदी लोगों ने सांस लेने में कठिनाई या अस्थमा की बात मानी, 38 ने बहती नाक या बंद होने, चिंता या कठिनाई की बात की। 25 फीसदी ने सोने में कठिनाई, 13 फीसदी ने सिरदर्द की समस्या बताई। वहीं, 13 फीसदी लोगों ने प्रदूषण के कारण कोई समस्या न होने की बात कही।
सांसों पर गहराया संकट, 6 इलाकों का एक्यूआई 400 पार
राजधानी में हवा बेहद खराब श्रेणी में बरकरार है। हवा धीरे-धीरे गंभीर श्रेणी की ओर रुख कर रही है। मंगलवार सुबह व शाम के समय स्मॉग छाया रहा। प्रदूषित हवा से लोगों को सांस लेने व आंखों में जलन हो रही है। मंगलवार का दिन इस सीजन का सबसे प्रदूषित रहा, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 359 दर्ज किया गया, जोकि सोमवार के मुकाबले 12 सूचकांक अधिक है। वजीरपुर व रोहिणी समेत छह इलाकों में हवा सर्वाधिक प्रदूषित रही। दिल्ली के अधिकतर इलाकों में वायु सूचकांक 301 के पार रहा। एनसीआर में ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई सबसे अधिक रहा। कमोबेश यही स्थिति बृहस्पतिवार तक बने रहने का अनुमान है। विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा की गति कम होने से प्रदूषण कण हवा में सघन हो रहे हैं। इससे वायु गुणवत्ता खराब हो रही है।
मुंडका व एनएसआईटी द्वारका सर्वाधिक प्रदूषित
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली में मंगलवार को 29 इलाकों में बेहद खराब हवा दर्ज की गई। इसमें मुंडका व एनएसआईटी द्वारका में वायु सूचकांक 430 रहा। आनंद विहार में 422, रोहिणी में 413, नॉर्थ कैंपस में 413 व न्यू मोती बाग में 403 एक्यूआई दर्ज किया गया, जोकि गंभीर श्रेणी है। वजीरपुर में 394, बवाना में 392, जहांगीरपुरी में 390, सोनिया विहार में 387, बुराड़ी क्रॉसिंग में 383, पंजाबी बाग में 382, ओखला फेज-2 में 367, अशोक विहार में 317, नरेला में 372, द्वारका सेक्टर-8 में 356 समेत 29 इलाकों में एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।
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