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राज्य स्तर पर अल्पसंख्यक समूहों की पहचान ...

‘वास्तविक’ अल्पसंख्यकों को लाभ.... 

नई दिल्ली:- सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर राज्य स्तर पर अल्पसंख्यक समूहों की पहचान के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई, ताकि इन लोगों को सभी योजनाओं का लाभ मिल सके।

भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह जनहित याचिका दाखिल कर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थान अधिनियम 2004 की धारा 2 (एफ) की वैधता को भी चुनौती दी। उपाध्याय ने कहा, यह धारा न सिर्फ केंद्र को बेलगाम शक्ति प्रदान करती है बल्कि मनमानी वाली, तर्कहीन और अपमानजनक भी है।
उन्होंने कहा, ‘वास्तविक’ अल्पसंख्यकों को उनके लाभ से वंचित करना और पूर्ण बहुमत के लिए बनाई गई योजनाओं के तहत मनमानी और अनुचित असहमति संविधान के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

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