लोकसभा अध्यक्ष के साथ करेंगे दर्शन ...
दल में 120 सदस्यों के होने का अनुमान
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ राष्ट्रमंडल देशों के संसदीय प्रतिनिधि 18 को रामलला का दर्शन करने अयोध्या जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद यह पहला अंतरराष्ट्रीय दल होगा जो वहां दर्शन करने जाएगा।
दल में 120 सदस्यों के होने का अनुमान है। मेजबान के रूप विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित दल में शामिल होंगे। जिनके नेतृत्व में प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि इस दल के सदस्यों को ‘श्रीराम जन्मभूमि स्थल’ के साथ अयोध्या स्थित अन्य पौराणिक स्थलों का भ्रमण कराने के साथ उनके बारे में जानकारी भी देंगे।
यह प्रतिनिधि राजधानी में 16 से 19 तक आयोजित राष्ट्रमंडल देशों के भारतीय क्षेत्र के संसदीय प्रतिनिधियों के सम्मेलन में शामिल होने लखनऊ आ रहे हैं। सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश इसी में भाग लेने आ रहे हैं। सम्मेलन में देश के सभी राज्यों की विधानसभाओं के प्रतिनिधियों के साथ राष्ट्रमंडल देशों के सभी सात अन्य क्षेत्रीय समितियों के दो से तीन संसदीय प्रतिनिधि पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे।
इसके अलावा लोकसभा व राज्यसभा के 25-25 सदस्य भी हिस्सा लेंगे। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि यह सम्मेलन लोकसभा की तरफ से लखनऊ में आयोजित किया गया है। प्रदेश में पहली बार यह सम्मेलन हो रहा है। इसमें संसदीय प्रणाली के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कुल 141 सदस्यों में से 120 ने लखनऊ आने की सहमति दे दी है। इस टीम में कॉमनवेल्थ क्षेत्रीय उपसमिति के लगभग 20 विदेशी प्रतिनिधि भी होगें।
अयोध्या दर्शन की यह वजह तो नहीं
माना जा रहा है कि राष्ट्रमंडल देशों के संसदीय प्रतिनिधियों को अयोध्या भ्रमण कराने के पीछे कहीं न कहीं एक वजह अयोध्या को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार के पक्ष को मजबूती से रखना भी नजर आ रहा है। सरकार इन प्रतिनिधियों को संबंधित स्थल का भ्रमण कराकर कहीं न कहीं यह संदेश भी देना चाह रही है कि श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर पैदा किया गया विवाद निराधार था। तभी तो न सिर्फ संबंधित स्थल बल्कि पूरी अयोध्या में सभी जगह इस नगरी के राम से संबंधित होने के प्रमाण मिल रहे हैं। भ्रमण कराने के पीछे एक कारण धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी अयोध्या को महत्व दिलाने की कोशिश भी लग रही है।
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