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पांच राज्यों में सुरक्षाबलों की 1700 कंपनियों की तैनाती ...

1.50 लाख जवानों पर जिम्मेदारी

इस साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं। केंद्रीय सुरक्षाबलों के अलावा राज्य पुलिस के जवानों को भी चुनाव में तैनात किया जाएगा। सभी राज्यों में चुनाव के दौरान केंद्रीय सुरक्षाबल और राज्य पुलिस बलों की 1700 कंपनियों (अनुमानित) को तैनात किए जाने की उम्मीद है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

कौन से राज्य में चुनाव कब?

बता दें कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में 7 से 30 नवंबर के बीच मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। निर्वाचन आयोग के अनुसार, नक्सली खतरे की आशंका को ध्यान में रखते हुए केवल छत्तीसगढ़ में दो चरणों - 7 नवंबर (20 सीटें) और 17 नवंबर (70 सीटें) में मतदान होगा।

बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के तहत होंगे चुनाव

सुरक्षाबलों की तैनाती के बारे में शुक्रवार को सूत्रों ने बताया कि चुनाव वाले क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की आवाजाही के दौरान समन्वय की जिम्मेदारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की होगी। आंतरिक सुरक्षा बल प्रमुख के रूप में सीआरपीएफ के अलावा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) जैसे अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और अन्य राज्यों की विशेष पुलिस इकाइयों के जवान भी तैनात होंगे।

चुनावी तैयारियों से जुड़ी खबर के अनुसार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) छत्तीसगढ़ सहित सभी पांच चुनावी राज्यों में अपनी पहले से मौजूद इकाइयों के अलावा लगभग 400 कंपनियों को तैनात करेगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ ने मुख्य रूप से नक्सल विरोधी अभियानों के लिए लगभग 25-30 बटालियनों को स्थायी रूप से तैनात किया है।

विधानसभा चुनाव सुचारू और सुरक्षित तरीके से कराए जा सकें, इस मकसद से  सामूहिक रूप से आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआईएसएफ और एसएसबी जवानों की 600 से अधिक कंपनियां तैनात की जाएंगी। विभिन्न राज्य पुलिस बलों और इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के जवानों को भी चुनावी ड्यूटी में लगाया जाएगा। 

चुनावी तैयारियों के बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा, कुल मिलाकर लगभग 1,700 कंपनियों को तैनात किया जा रहा है। बता दें कि सीएपीएफ कंपनी में लगभग 70-80 जवान होते हैं। एक बटालियन में लगभग 1,000 सैनिक होते हैं। ऐसे में लगभग 1.5 लाख जवान-पदाधिकारी चुनावी ड्यूटी में लगाए जाएंगे। सूत्रों ने कहा कि कुछ और इकाइयों को रिजर्व के तौर पर भी तैयार रखा जाएगा। नवंबर के पहले सप्ताह के आसपास सभी को अलग-अलग राज्यों में चुनावी ड्यूटी के लिए भेज दिया जाएगा।

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