भारत में सबसे पहले कौन सी वैक्सीन मिलेगी? ...
भारत में कब, किसे मिलेगी कोरोना की वैक्सीन?
कोरोना महामारी से दुनियाभर के लोग परेशान और डरे हुए हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह है इससे होने वाली मौतें। पूरे विश्व में अब तक इसके संक्रमण से 14 लाख 65 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। भारत में चूंकि मौंतों का आंकड़ा कम है, लेकिन फिर भी इस महामारी को खत्म करना बेहद ही जरूरी है। इसके लिए वैक्सीन बनाने के काम में दुनियाभर के वैज्ञानिक लगे हुए हैं, लेकिन वैक्सीन आखिर लोगों को कब मिलेगी, इस सवाल का जवाब देना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक बयान में कहा है कि अगले साल के पहले 3-4 महीनों में, इस बात की संभावना है कि हम देश के लोगों को वैक्सीन प्रदान कर सकेंगे।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जुलाई-अगस्त तक, हमारे पास लगभग 25-30 करोड़ लोगों को टीके उपलब्ध कराने की योजना है और हम उसी के अनुसार तैयारी कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन के प्रबंधन के लिए बने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ने राज्य सरकारों और संबंधित स्टेकहोल्डर्स (हितधारकों) के साथ मिलकर वैक्सीन के भंडारण और वितरण के लिए एक ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया है। दरअसल, एक्सपर्ट ग्रुप (विशेषज्ञ समूह) राज्यों के साथ वैक्सीन की प्राथमिकता तय करने और इसके वितरण के लिए काम कर रहा है।
ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन है भारत के लिए सबसे उपयुक्त
चूंकि दुनियाभर में कोरोना की कई वैक्सीन बन रही हैं, जिनमें सबसे आगे फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन की माना जा रहा है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के लिए सबसे उपयुक्त ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन ही है, क्योंकि इसको सामान्य तापमान पर भी स्टोर करके रख सकते हैं जबकि फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को रखने के लिए माइनस 20 से माइनस 80 डिग्री तक का तापमान जरूरी है। साथ ही ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन की कीमत भी अन्य वैक्सीन के मुकाबले कम होगी। इसकी एक डोज की कीमत 500 रुपये के आसपास हो सकती है।
भारत में सबसे पहले कौन सी वैक्सीन मिलेगी?
भारत में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ट्रायल कर रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का कहना है कि भारत में सबसे पहले उसी की वैक्सीन मिलेगी। यहां इसे 'कोविशील्ड' नाम से लॉन्च किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट के मुख्य कार्यकारी अदार पूनावाला का कहना है कि उनकी कंपनी सबसे पहले भारतीय लोगों को ही वैक्सीन उपलब्ध कराने पर ध्यान दे रही है। उसके बाद ही दुनिया के अन्य देशों में 'कोविशील्ड' वैक्सीन सप्लाई की जाएगी।
पहले किसे मिलेगी कोरोना वैक्सीन?
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन पहले यह कई बार कह चुके हैं कि निजी और सरकारी स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी। उसके बाद बुजुर्गों को और पहले से ही अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को टीका लगाया जाएगा। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि एक अरब से ज्यादा की आबादी वाले देश में ऐसा करना आसान नहीं होगा।
Leave a Reply