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घेराव संग करेंगें भूख हड़ताल ...

जालंधर: वाह रे कैप्टन साहब ! 8,886 शिक्षकों को नियमित करने की खुशी का सारा स्वाद किरकिरा कर डाला। नियमित करने की शर्त भी ऐसी रख डाली कि हर टीचर्स असमंजस में पड़ गया है। पंजाब मंत्रिमंडल ने केंद्रीय शिक्षा कार्यक्रमों के तहत भर्ती 8,886 शिक्षकों के नियमितीकरण करने की भले की मंजूरी प्रदान कर दी है। मगर नियमत वही टीचर्स होंगे जो 3 वर्ष मात्र 15 हजार रुपये प्रति महीना लेंगे।

एसएसए रमसा अध्यापक एसोसिएशन के अध्यक्ष दीदार सिंह मुदकी ने सरकार के इस अन्याय के खिलाफ कहा कि सभी अनियमित टीचर्स 40 से 45 हज़ार रुपये महीने की तनख्वाह ले रहे है। मगर सरकार ने उन्हें नियमित होने के लिए 40 से 45 हज़ार की बजाए 3 वर्ष लगातार हर महीने मात्र 15000 रुपये देने की पेशकश की है। जो कि बहुत बड़ी नाइंसाफी है। उन्होंने कहा कि ये कितनी शर्मनाक बात है। जिस में हरेक टीचर्स लगभग 30 हज़ार कम तनख्वाह इस लिए ले कि उसे सरकार रेगुलर करेगी।

उन्होंने कहा कि इस अन्याय के खिलाफ सभी टीचर्स मुख्यमंत्री के आवास के बाहर भूख हड़ताल करेंगे।

ये शिक्षक होंगे नियमित

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सर्व शिक्षा अभियान के तहत भर्ती 7,356 तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत भर्ती 1,194 शिक्षकों के नियमितीकरण को मंजूरी दे दी गई। इनके अलावा मॉडल स्कूलों के लिए 220 तथा आदर्श स्कूलों के लिए 116 शिक्षकों के नियमितीकरण को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

समिति की सिफारिश से ज्यादा होगा वेतन

प्रवक्ता ने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित मंत्रिमडल उप-समिति की सिफारिशों के बाद यह निर्णय किया गया। हालांकि, समिति ने नियमितीकरण के दायरे में लाए जाने वाले सभी शिक्षकों को तीन साल तक 10,300 रुपये प्रति महीने (प्रारंभिक वेतन) दिए जाने की सिफारिश की थी, लेकिन मंत्रिमंडल ने उन्हें 15 हजार रुपये प्रति महीने देने का निर्णय किया।

उन्होंने कहा कि तीन साल की परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद शिक्षकों को नियमों के अनुरूप नियमित कर दिया जाएगा

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