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विधानसभा चुनाव से पहले सभी दलों ने शरू की नूराकुश्ती...... ...

 चुनाव से पहले दिल्ली में गरमाई अनुसूचित सियासत

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले संत रविदास मंदिर तोड़े जाने के मामले पर राजधानी में अनुसूचित सियासत गरमा गई है। मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा में भी इसका नजारा देखा गया। सदन में सत्ता पक्ष व विपक्ष खुद को इस मसले पर फ्रंटफुट पर रखने की कोशिश करता रहा। मंदिर दोबारा बनवाने पर सहमत होने के बावजूद दोनों पक्ष तीखी नोकझोंक भी करते दिखाई दिए।2011 की जनगणना के हिसाब से दिल्ली में अनुसूचित जाति की आबादी करीब 16.80 फीसदी है। वहीं, विधानसभा की 12 सीटें आरक्षित हैं। फिलहाल सभी आरक्षित सीटों पर आम आदमी पार्टी (आप) का कब्जा है। पार्टी इन सीटों पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती। 

2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान माना गया था कि आप का निचले तबके में मजबूत जनाधार है। झुग्गी-बस्ती समेत अनधिकृत कालोनियों का एकमुश्त वोट आप को मिला था। नतीजतन, पार्टी 70 में से 67 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। हालांकि, बीते लोकसभा चुनाव के दौरान वोटों में बदलाव दिखा। आरक्षित सीटों पर भी भाजपा को आप से ज्यादा वोट मिले।

संत रविदास मंदिर को तोड़े जाने के मसले में दोनों पार्टियां अनुसूचित समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए जद्दोजहद करती दिख रही हैं। विधानसभा के मानूसन सत्र का पहला दिन मंदिर तोड़े जाने के नाम रहा। सत्ता पक्ष की तरफ से संकल्प पेश करके मंदिर को जमीन आवंटित करने की मांग केंद्र सरकार से की गई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि यदि केंद्र सरकार चार से पांच एकड़ जमीन मंदिर के लिए देती है तो दिल्ली सरकार बदले में 100 एकड़ जमीन देगी। वहीं, दिल्ली सरकार मौके पर भव्य निर्माण कराएगी। वहीं, विपक्ष लैंड यूज बदलने की बात करते हुए भाजपा की केंद्र सरकार की तरफ से विशाल मंदिर बनवाने की बात करता दिखा।

कांग्रेस भी जमीन जमाने की कर रही कोशिश​​​​​​- संत रविदास मंदिर को तोड़े जाने के मामले में कांग्रेस भी अपनी जमीन जमाने की कोशिश कर रही है। मंदिर तोड़े जाने का विरोध करते हुए पार्टी ने बुधवार के विरोध-प्रदर्शन को समर्थन दिया था। कांग्रेस की मांग है कि मंदिर को दोबारा बनवाना चाहिए। मंदिर तोड़े जाने का आरोप केंद्र सरकार और भाजपा पर लगाया है।

ये हैं दिल्ली की आरक्षित 12 सीटें- सुल्तानपुर माजरा, करोल बाग, सीमापुरी, गोकलपुर, मंगोलपुरी, त्रिलोकपुरी, कोंडली, अंबेडकर नगर, मादीपुर, देवली, बवाना और पटेल नगर।

2011 के हिसाब से अनुसूचित जाति की आबादी- दिल्ली में अनुसूचित जाति की आबादी 28.12 लाख है। कुल आबादी का यह 16.80 लाख बैठती है।

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