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कोई मुआवजा भी नहीं दिया, नहीं करा पा रहा गरीब बच्चे का इलाज ...

वीगो निकालते समय नर्स से कटा था नवजात का अंगूठा

कानपुर के मरियमपुर अस्पताल में नवजात का अंगूठा कट जाने के मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। डॉक्टर के खिलाफ नजीराबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज है। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक डॉक्टर के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है।पीड़ित के पिता रवि पुष्कर निवासी बनारसीदास औरैया को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 16 सितंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतांकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की खंडपीठ ने मरियमपुर हॉस्पिटल कानपुर की डॉक्टर मनाली तिवारी की याचिका पर दिया है।

16 सितंबर को होगी अगली सुनवाई, राज्य सरकार से भी मांगा जवाब

याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक चौहान ने बहस की। इनका कहना था कि याची के खिलाफ धारा 326 का अपराध नहीं बनता। डॉक्टर ने मरीज का इलाज किया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि इलाज के दौरान उसके नवजात बेटे मोक्ष का अंगूठा काट दिया और कहा कि नाखून कट गया है।बाद में पता चला कि बच्चे का अंगूठा काट दिया गया है। कोई मुआवजा भी नहीं दिया। वह गरीब हैं, बच्चे का इलाज भी नहीं करा पा रहे। डॉक्टर की लापरवाही से उसके बच्चे का अंगूठा काट दिया गया।

तीन जून को वीगो निकालते समय नर्स से कटा था नवजात का अंगूठा

 पूरा मामला 

औरैया के मोहम्मद बनारसीदास मोहल्ला निवासी रवि ने 24 मई को अपनी पत्नी सुरभि को मरियमपुर अस्पताल में भर्ती कराया था। 25 मई को उसको बेटा हुआ था। जिसका नाम उसने मोक्ष रखा था। इंफेक्शन होने की वजह से डॉक्टर ने कुछ इंजेक्शन लगने की बात कहकर उसके बाएं हाथ के पंजे पर ऊपर वीगो डाला था।उसके बाद 28 मई को उसकी छुट्टी कर दी थी। तीन जून को  को जब वीगो निकलवाने दंपति अस्पताल पहुंचे तो नर्स ने नवजात का अंगूठा काट दिया था। पुलिस ने मामले में सजेती के बीबीपुर निवासी नर्स चित्रा सचान व डॉक्टर मनाली तिवारी पर एफआईआर दर्ज की थी। दूसरे दिन पुलिस ने नर्स को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

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