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सुन्नी दावते की जानिब से एक अज़ीम-ओ शान जलसे का एहतेमाम ...

वक़्त का करे सही इस्तेमाल, सुन्नतों पर करे अमल

कानपुर । सुन्नी दावते की जानिब से एक अज़ीम-ओ शान जलसे का एहतेमाम हुआ। जिसमें जलसे का आगाज हाफिज वा कारी सय्यद मोहम्मद अहमद बरकाती साहब जांगले वाली मस्जिद के पेशमाम ने कुरान पाक की तिलावत करके जलसे का आगाज किया। उसके बाद नात शरीफ पढ़ी जिसमे जनाब साकिर अशरफी, जनाब अब्दुल वारिस बरकाती, जनाब हाफिज कारी मोहम्मद शोएब रजा साहब ने नात शरीफ पड़ा।

इमाम मस्जिद अंजुमन गौसिया ने आवाम को खिताब किया और मुंबई से तशरीफ लाए हुए मौलाना सादिक रिजवी साहब निगरा सुन्नी दावते इस्लामी ने बयान करते हुए आवाम को यह बताने की कोशिश की कि नबी के आने से पहले क्या था पहले इस दुनिया में क्या हाल था किस तरह से अरब में बाप अपनी बेटी को जिंदा दफन कर देते थे।

किस तरह यतीम का माल खाया जाता था। हिंदुस्तान में एक विधवा को सती बनाया जा रहा था चीन में कमजोर बच्चों को बाहर से नीचे फेंक कर मौत के घाट उतारा जा रहा था। इस तरह से सारी दुनिया में अंधेरा छाया हुआ था और हमारे नबी ने अमन व शांति की बात की एकता की बात की भाईचारे की बात अनाथ को उसका हक दिलाया गुलामों को आजाद किया और मौजूदा दौर में जो नौजवान सोशल मीडिया की वजह से अपने वक़्तों को बर्बाद कर रहे हैं जैसे पब्जी जैसे गेम खेल कर, तीन पत्ती लूडो के बारे में उन्होंने नौजवानों को दूर रहने की सलाह दिया और बताया जो समय इन जैसे बेकार समय बर्बाद ना करके इसका सही इस्तेमाल करने को कहा।

इस्लाम हजरत मौलाना अहमद हशमति कानपुर और कारी मौलाना सलाउद्दीन साहब मस्जिद की जानिब से इंतेजामिया कमेटी जनाब मोहम्मद अनीस बरकाती, इरशाद बरकाती, शाकिर अशरफी, जमाल बरकाती, मोहम्मद शहनवाज , मोहम्मद शादाब आदि हजारो की तादाद में लोग मौजूद थे।

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