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नगर प्रशासन ने कसना शुरू किया सीएए के धरनों पर शिकंजा ...

बात एक क़दम की...पहले आप

देश में बढ़ते सीएए के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में दिन प्रतिदिन बढ़ती प्रदर्शनकारियों की संख्या जिन में सर्वाधिक महिलाएं बच्चे है शासन एवं प्रशासन के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। न सरकार अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करने को तैयार है और न ही विरोध प्रदर्शन करने वाली जनता। दोनों अपने अपने फैसलों पर अड़े है, जिसका वर्तमान समय में कोई हल संभव नही दिखता है।

जानकारों की माने तो दोनों और से एक स्पष्ट वार्तालाप की आवश्यकता है जो कि सीएए से संबंधित सभी विषयों को विरोध कर रही जनता को स्पष्ट कर सुनियोजित करे कि वर्तमान सरकार द्वारा पारित कानून किसी भी भारतीय का वर्तमान समय से भविष्य में कभी किसी प्रकार का कोई भी अहित धर्म जाति के आधार पर नही करेगा, जिसके द्वारा इस जटिल हो चुके मुद्दे का कुछ समाधान हो सकता है।

परंतु जिस प्रकार से परिस्थितियों पर बीते समय अनुसार सरकार एवं उसके प्रतिनिधियों द्वारा बयानबाज़ी एवम प्रतिक्रिया दी जा रही है साथ ही कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन उग्र के साथ हिंसक हो गया वह इस को एक गंभीर समस्या में तब्दील कर चुका है। साथ ही प्रशासन के रवैया पर भी प्रश्रचिन्ह लगते आ रहे है जो कि जनता का प्रत्यक्ष रूप से सामना कर शांति व्यवस्था बरक़रार रखने का हर संभव प्रयास प्रथम दिन से  करने का प्रयास कर रहा है, जो कि परिस्थितियों अनुसार समय समय पर सवालों के घेरे में भी आ जाता है, जिसके विभिन्न वीडियो सोशल मीडिया पर काफी प्रचालित भी हुए।

कानपुर के शाहीन बाग....

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)  विरोध पर चमनगंज और बाबूपुरवा में करीब एक महीने से चल रहे धरना-प्रदर्शन पर बृहस्पतिवार को पुलिस ने शिकंजा कसा। प्रदर्शन की आड़ में हिंसा की जमीन तैयार होने की आशंका में पुलिस ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया है।
दर्शन की आड़ में हिंसा की जमीन तैयार होने की आशंका में पुलिस कांग्रेस, आप और इंडियन नेशनल लीग के छह नेताओं सहित 80 लोगों को कानून के खिलाफ भीड़ जुटाकर आपराधिक साजिश के आरोप में सीआरपीसी की धारा 149 की नोटिस दी है।
इनमें राजनीतिक दलों की तीन महिलाएं भी शामिल हैं। प्रदर्शन मेें शामिल महिलाओं सहित 200 लोगों को 107/16 में कानून व्यवस्था बिगाड़ने की आशंका में पाबंद किया गया है। चमनगंज के मोहम्मद अली पार्क और बाबूपुरवा के फूल पार्क में महिलाओं का धरना-प्रदर्शन चल रहा है।
धीरे-धीरे इसमें राजनीतिक चेहरे शामिल होने लगे। एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव इनामुल नश्तर, इंडियन नेशनल लीग के सुलेमान, आम आदमी पार्टी के हाजी मुजीब, हाजी वसीक घोसी, कुलदीप सक्सेना और नफीस अख्तर के साथ राजनीतिक पार्टियों की दो महिलाएं प्रदर्शन की आड़ में हिंसा के प्रयास में जुटे हैं।
बार-बार समझाने और ज्ञापन लेकर इनकी बात सरकार तक पहुंचाने के बाद भी ये लोग प्रदर्शन समाप्त नहीं कर रहे हैं। इसलिए नोटिस देकर गिरफ्तारी की चेतावनी दी गई है। प्रदर्शन समाप्त नहीं हुआ तो पुलिस सभी को गिरफ्तार करेगी। पाबंद होने पर अब मजिस्ट्रेट के सामने पेश भी होना पड़ेगा। पता चला है कि 2001 में कानपुर में हुए दंगे को सुलेमान ने ही हवा दी थी। सुलेमान को जेल भेजकर राष्ट्रद्रोह की कार्रवाई की गई थी। 

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