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100 साल पुराना टीला लीला, दर्जनों हरे पेड़ों को भी काट डाले ...

खनन का खेल

कानपुर के सरसौल में खनन माफियाओं ने किसानों और सरकारी जमीन को तो छोड़ो 100 साल पुराने टीले को भी जमींदोज कर डाला। फ्रेट कॉरिडोर (मालभाड़ा पथ) में मिट्टी पहुंचाने की आड़ में नर्वल तहसील से चार किलोमीटर दूर बांबी भीतरी गांव के इस पुराने टीले पर पिछले एक साल से खनन चल रहा है।

माफियाओं ने 20 बीघे में फैले इस प्राचीन टीले को समतल कर डाला। वहीं ओवरलोड डंपरों की वजह से पीडब्ल्यूडी की सड़कें भी खस्ताहाल हो गई हैं। रेलवे को मिट्टी पहुंचाने के नाम पर माफिया खनन कर रहे हैं लेकिन कहा जा रहा है कि इसकी अनुमति भी उनके पास नहीं है।

इसी क्षेत्र में ग्राम समाज की सरकारी जमीन को भी तालाब बना डाला। ग्रामीणों के मुताबिक माफिया पिछले एक वर्ष से टीले को खोदने मेें लगे हैं। ग्रामीणों ने थाने से लेकर तहसील दिवस तक में शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है।

अनुमति छह बीघे की, टीले और झील को भी खोद डाला

किसानों ने बताया कि जीएमआर कंपनी ने टीले के पास के छह बीघे में रेलवे को मिट्टी पहुंचाने के नाम पर अनुमति ली थी। लेकिन माफिया टीले पर भी खनन करने में जुटे हैं। समतलीकरण के नाम पर मशीन से 15 से 20 फीट तक मिट्टी खोद डाली। पास की प्राचीन झील व ग्राम समाज की जमीन में भी खनन किया गया है। 

कार्रवाई नही होने पर ग्रामीणों ने लिया मोर्चा

पिछले सप्ताह तिरमा व सवाइजपुर में सड़क क्षतिग्रस्त होने पर ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन के अलावा 1076 पर शिकायत की थी। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने रात में लाठी-डंडे लेकर डंपरों की घेराबंदी कर खुद मोर्चा खोला था। इसके बाद खनन में लगे डंपरों ने रास्ता बदल लिया था।

मुकदमे को छह माह, खनन स्थल नहीं ढूंढ पाई महाराजपुर पुलिस

अवैध खनन के मुकदमों में महाराजपुर पुलिस की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है। थाने में पिछले साल अवैध खनन से संबंधित चार मुकदमे दर्ज किए गए थे। एक में महज दो माह में ही आरोपी को क्लीनचिट देकर फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई। एक अन्य में विवेचक अभी तक साक्ष्य ही संकलित कर रहे हैं।

एक साल में विवेचक यही नहीं पता कर पाए कि जहां खनन हो रहा है, वो जमीन केडीए की है या निजी भूमि है। मुकदमा केडीए के तहसीलदार ने दर्ज कराया था। यही वजह है कि जाना, शेखपुर, किशनपुर समेत कई ग्राम सभाओं में खनन बदस्तूर जारी है।

अवैध खनन मामलों से संबंधित विवेचकों से प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है। लापरवाही पर संबंधित विवेचक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अवैध खनन किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा।
- ऋषिकेश यादव, सीओ सदर

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