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चिता पर मां के सीने से चिपक कर जला जिगर का टुकड़ा ...

जयपुर में हुई थी हत्या

जयपुर दोहरे हत्याकांड में गुरुवार को एक ही चिता पर मां श्वेता तिवारी और उनके 21 माह के बेटे श्रीयम का अंतिम संस्कार हुआ। चिता पर मां के सीने पर जब बेटे को लिटाया गया, तो सबकी आंखों से आंसू छलक पड़े। श्वेता तिवारी और श्रीयम का शव गुरुवार तड़के उनके पिता सुरेश मिश्रा, मां माधुरी, भाई शुभम व अन्य परिजन लेकर कानपुर पहुंचे।
शव पहुंचते ही रिश्तेदारों और क्षेत्रीय लोगों की भीड़ लग गई। दोपहर में भैरोघाट पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। श्वेता के सगे भाई शुभम व चार चचेरे भाइयों ने मिलकर दोनों को पंचाग्नि दी। श्वेता का शव मंगलवार को जयपुर में उसके फ्लैट में मिला था। इसके बाद श्वेता का 21 माह का बेटा श्रीयम का अपहरण हो गया था। बुधवार को मासूम का भी शव अपार्टमेंट के पीछ मिला था। 

शव से लिपट कर रोई मां, पिता बेसुध

श्वेता की मां घर पर दोनों के शवों से लिपटकर इस कदर रोईं कि वहां मौजूद लोग भी फफक पड़े। वहीं, पिता सुरेश इस भीषण आघात के कारण बेसुध दिखे। मां के साथ जब चिता पर बेटे का शव रखा गया तो वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंख से आंसू निकल उठे।

करते रहे बर्दाश्त पर सब बर्बाद हो गया

श्वेता की बड़ी बहनें वंदना व सपना भी बेसुध हैं। उन्होंने बताया कि शादी के बाद से ही श्वेता को पति रोहित परेशान करने लगा था। प्रताड़ना से तंग आकर उसने कई बार परिजनों से अपनी आपबीती बताई,  लेकिन रिश्ता जोड़े रखने के लिए हर किसी ने यही सलाह दी कि थोड़ा बर्दाश्त कर लो। समय के साथ-साथ सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन अब सब बर्बाद हो गया है। नहीं पहुंचे ससुरालीजन
श्वेता के सास-ससुर समेत ससुराल पक्ष का कोई व्यक्ति जयपुर नहीं पहुंचा। इसी वजह से श्वेता के मायकेवालों ने शवों को कानपुर लाने का निर्णय लिया। अंतिम संस्कार में शामिल होने भी वहां से कोई नहीं आया। 

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