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जिला जज के आदेश के बाद कार्रवाई ...

                                                                                     एनटीसी ने 20 लाख क्षतिपूर्ति भी वसूली

कानपुर में नेशनल टेक्सटाइल कारपोरेशन (एनटीसी) ने 46 साल बाद अपने दो बंगलों को राजीव चांदगोठिया से कब्जा मुक्त करा लिया है। 5.17 एकड़ में फैले बंगलों पर कब्जा लेने के साथ ही राजीव से 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति भी वसूल की है। दोनों बंगलों की कीमत करीब साठ करोड़ रुपये है।

जिला जज संदीप जैन ने 11 जनवरी को राजीव की अपीलें खारिज करते हुए एक सप्ताह में बंगले खाली करने और क्षतिपूर्ति देने के आदेश किए थे। अनवरगंज स्थित फोकलैंड बंगला नंबर 84/45 और विनबर्टन बंगला नंबर 84/45-46 पर 1976 से अथर्टन मिल्स कंपनी कानपुर का स्वामित्व था।

कंपनी की सभी चल-अचल संपत्ति, संयंत्र, मशीनरी आदि को राष्ट्रीयकरण नीति के तहत एक अप्रैल 1995 को एनटीसी में शामिल कर लिया गया था। इसके बाद सभी संपत्तियों पर केंद्र सरकार का कब्जा हो गया, लेकिन इन दोनों बंगलों पर राजीव चांदगोठिया सालों से कब्जा जमाए बैठे थे।
साल 2003 में कानूनी नोटिस दिया गया। इसके बाद इस्टेट अफसर ने 24 सितंबर 2013 को बंगला खाली करने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ राजीव ने जिला जज की अदालत में अपील दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसी क्रम में अब कार्रवाई हुई।
एनटीसी के प्रभारी विधि एवं संपत्ति रमाकांत यादव ने बताया कि राजीव के बेटे सिद्धार्थ ने 20 लाख का चेक दिया। इस मौके पर प्रभारी अधिकारी सतीश कुमार, विधिक सलाहकार एसएन सिंह, आलोक प्रताप सिंह, मिल प्रभारी अजीत सिंह मौजूद रहे।
सरकारी जमीन पर सालों से है कब्जा
फोकलैंड व विनबर्टन दोनों बंगलों पर राजीव चांदगोठिया सालों से कब्जा जमाए बैठे थे। कई बार कब्जा खाली करने को कहा गया, लेकिन किया नहीं। वर्ष 2003 में कानूनी नोटिस दी गई। इसके बाद इस्टेट ऑफिसर ने 24 सितंबर 2013 को राजीव को बंगला खाली करने के आदेश दे दिए। अवर न्यायालय के इस आदेश के खिलाफ राजीव ने जिला जज की अदालत में अपील दाखिल की।

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