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जनता को चूना लगती अनोखी घुमंतू गैस एजेंसी ...

ज़रूरी क्या?

कानपुर:- कोरोना उस के चलते बचाव हेतु किया गया सरकारी लॉक डाउन, जिसके चलते आम जनमानस को बीते चार/पाँच महीनों से विभिन्न आर्थिक एवं व्यक्तिगत दुश्वारियों से होना पड़ रहा दो चार। वैश्विक महामारी कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण ने जहाँ देश दुनिया की आर्थिक गति की कमर तोड़ी जिसका सीधा असर आम जनता की दैनिक जीवन शैली दिनचर्या पर भरपूर पड़ा, अनगिनत लोगो को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा, प्रत्येक सेक्टर में मंदी के चलते तनख्वाह में कटौती भी की गई। बेरोज़गारी चरम पर पहुँच चुकी है, जिस का वर्तमान समय में कोई भी समाधान सरकार के पास तो कतई नज़र नही आता है। हाँ समय समय पर मन की बात कर टूटी हुई जनता को आश्वासन रूपी जादूई टॉनिक पिला राजनीतिक व्यवस्था चुस्त दुरुस्त की जाती रहती है।

शहर गंगा किनारे वाला

कानपुर नगर वर्तमान समय में देश विदेश में नित्य दिन प्रतिदिन किसी न किसी कारण सुर्ख़ियो में बना ही रहता है। स्वतंत्रता सेनानियों की कर्म भूमि रहा यह शहर कभी यूपी का मैनचेस्टर कहा जाने वाला यह गंगा किनारे बसा शहर अपने कल कारखानों विभिन्न उद्योगों के लिए प्रख्यात था परंतु बदलते समय एवं राजनीतिक कुंठा के कारण आज यह सिर्फ़ अपनी अराजकता, काला बाज़ारी, टप्पेबाज़ी एवं आपराधिक घटनाओं के लिए बदनाम हो चला है।

वैसे तो हम्माम में सब नंगे है वाली कहावत अब तो सारे देश भर में आम है सत्ता किसी की भी हो। रामराज्य का सपना अब किताबों एवं राजनीतिक मंचो में जनता की भावनाओं को आकर्षित कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के काम मात्र ही आता है क्योंकि हम रामराज्य की कल्पना तो करते है परंतु क्या सत्य है उससे हम अपनी दैनिक दिनचर्या के कार्यो में स्पष्ट जांच परख सकते है। झूठ मक्कारी हत्या बलात्कार लूट चोरी कालाबाज़ारी आदि सब आम हो चला है जिस के उदहारण अगर हम आप गिनने गिनाने बैठेंगे तो समय कम पड़ जायेगा।

किस्सा रुपये 10 का

कानपुर स्तिथ एक गैस एजेंसी जहाँ जनता को सरकारी मूल्य मानकों के विपरीत बढ़े दामों पर की जा रही है गैस सिलेंडरों की सप्लाई। बदहाल जनता की जेब पर गैस एजेंसी द्वारा बड़ी सफाई से डाला जा रहा है डाका। बूंद बूंद सागर भरने वाली कहावत अनुसार खेला जा रहा है खेल तब्दील होता है प्रतिदिन हजारों रुपये की काली कमाई के रूप में जिस के ठोस एवं पुख़्ता साक्ष्य है उपलब्ध। जनता एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा शिकायत एवं सूचना दे अवगत करने पर भी संबंधित विभाग द्वारा नही की जाती कोई ठोस कार्यवाही, क्या है कोई जो लगा पायेगा जनता के साथ मची लूट पर रोक या माल गोपाल की माया के चलते मिलता रहेगा इन धनलोभी काला बाज़ारियों को अपने अपने मातहतों का संरक्षण क्यो की हम्माम में सब नंगे है।

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