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किसान ने फाड़ा था BJP का झंडा ...

बेटे की मौत के पश्चात बीच सड़क परिजनों ने किया हंगामा

कानपुर- गेहूं चोरी की एफआईआर दर्ज नहीं करने और उल्टा थाने में बंद करके पीटने से आहत किसान ने साढ़ थाना परिसर में जहर खाकर जान दे दी। गुनाह सिर्फ इतना था कि किसान ने एफआईआर दर्ज नहीं होने पर छत पर लगा BJP का झंडा और होर्डिंग फाड़ दिया था। इसकी सूचना थाने तक पहुंच गई थी। इसके चलते पुलिस ने उसे बंद करके पीटा था।

FIR दर्ज कराने पहुंचे किसान को ही हवालात में बंद करके था पीटा

साढ़ गोपालपुर में रहने वाले अरुण कुमार गुप्ता (52) किसान और गल्ला व्यापारी थे। अरुण के बेटे आकाश ने बताया कि चार दिसंबर को उनके घर पर गांव का एक युवक मिथुन गेहूं चोरी कर रहा था। मामले की जानकारी मिलने पर उसे दौड़ाया, तो साइकिल और गेहूं का बोरा छोड़कर भाग निकला था। थाने एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिस ने टरका दिया। लगातार दो दिन तक साढ़ थाने की पुलिस का यही रवैय्या रहा।

इससे आहत होकर अरुण थाने से घर पहुंचे और BJP पार्टी को भला-बुरा कहते हुए झंडा फाड़ दिया था। मामले की जानकारी गांव में आम हो गई और प्रधान ने इसकी शिकायत थाने में कर दी। इस पर साढ़ थाने की पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की बजाये अरुण को हवालात में बंद करके जमकर पीटा। इसके बाद छोड़ दिया। इससे आहत होकर शुक्रवार दोपहर किसान ने थाने में जहर खा लिया और उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई।

आक्रोशित परिजनों ने पुलिस को खदेड़ा

थाना परिसर में जहर खाने के बाद अचेत होते ही पुलिस उन्हें सीएचसी लेकर पहुंची। हालत गंभीर होने के चलते उन्हें उर्सला रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान किसान की मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही आक्रोशित किसानों और साढ़ थाने की पुलिस से जमकर झड़प हुई। किसानों ने पुलिस को दौड़ा लिया। इसके बाद कई थानों का फोर्स भीड़ को संभालने के लिए बुलाना पड़ा।

मौत के बाद दर्ज हुई चोरी की एफआईआर

मौत के बाद साढ़ थाना की पुलिस हरकत में आई और अरुण गुप्ता की तहरीर पर चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर ली। इसके साथ ही आरोपी को भी हिरासत में लिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने खुद को बचाने के लिए आनन-फानन में एफआईआर दर्ज कर ली। जबकि तीन दिन से अरुण एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर काट रहे थे।

एसपी आउटर बोले मामले की जांच होगी

एसपी आउटर अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि मामले में जांच का आदेश दिया गया है। अगर थाना प्रभारी की कोई लापरवाही सामने आई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मामले में देर शाम तक पुलिस लीपापोती करती रही, लेकिन दोषी थानेदार या अन्य किसी पुलिस अफसर पर कार्रवाई नहीं हुई।

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