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पिता की कड़ी मेहनत रंग लाई ...

हौसलों की उड़ान

जवाहर नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya Vidyalaya) में पढ़ने वाली आरुषी का कहना है कि वह वैज्ञानिक (Scientist) बनना चाहती हैं और फिर आईएएस (IAS) बनना उनका सपना है। जितने भी वैज्ञानिक आयोजन होते हैं उसमें वह जरूर भाग लेती हैं।

कानपुर- जनपद की आरुषी (Arushi Pal) जवाहर नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya Vidyalaya) की कक्षा नौ में पढ़ती है लेकिन इस बेटी ने अपनी छोटी सी उम्र में वो कर दिखाया है जिसके सपने बड़े होकर भी कम लोग ही पूरा कर पाते हैं।जी हां इस बेटी ने अपने पापा की जी तोड़ मेहनत का कुछ ऐसा सिला दिया कि उनके पिता राजकुमार पाल खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। पिता राजकुमार पाल की आटा चक्की से ही घर का खर्च चलता है लेकिन उन्होंने हमेशा बच्चों की पढ़ाई को प्राथमिकता दी। इसी का नतीजा है कि कक्षा नौ में पढ़ने वाली छोटी सी आरुषी ने कम उम्र में अपना इसरो (ISRVO) जाने का सपना पूरा कर दिखाया है।

कानपुर जिलाधिकारी ने दी आरुषी को बधाई

दरअसल इसरो के 'युविका कार्यक्रम' (Yuvika Program) के तहत देश भर से 368 बच्चों की पहली लिस्ट जारी की गई. इसमें 113 बच्चों का शैक्षिक प्रमाण पत्र के सत्यापन के बाद अंतिम रूप से चयन हुआ है. ये बच्चे 11 मई से 22 मई तक इसरो में रहकर यहां के शीर्ष वैज्ञानिकों से मिलेगें, व्याख्यान मे भाग लेगें, प्रयोगशालाऐं देखेगें. स्कूल में पिछले साल आरुषी टापर रही हैं. आठवीं में भी आरुषी ने 96 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. इसरो की सूची में नाम आने से पहले वह मानक इंस्पायर अवार्ड व एनएसएफ में भी चयनित हो चुकी हैं। आरुषी का कहना है कि वह वैज्ञानिक बनना चाहती हैं और फिर आईएएस बनना उनका सपना है। जितने भी वैज्ञानिक आयोजन होते हैं उसमें वह जरूर भाग लेती हैं। आरुषी का ये भी कहना है कि पिता राजकुमार हमेशा पढ़ने पर जोर देते हैं। उन्हीं की वजह से वह सब कुछ कर पाती हैं। वहीं आरुषी के स्कूल के प्रिन्सिपल का भी कहना है कि आरुषी पढ़ाई के साथ साथ खेल-कूद में भी आगे रहती हैं। आरुषी ने रोप स्किपिंग मे नेशनल जीता है और ताईक्वान्डो में संकुल चैम्पियन होने के साथ ही वे दूसरे खेलों मे भी आगे रहती हैं आरुषी के चयन पर कानपुर जिलाधिकारी ने भी उन्हें बधाई दी है।

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