रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया अब निर्दलीय राजनीति नहीं . ...
प्रतापगढ़ के कुंडा से बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया अब निर्दलीय राजनीति नहीं करेंगे । अपने राजनीतिक जीवन के 25 साल पूरे होने के मौके पर राजा भैया शुक्रवार यानी 30 नवंबर को लखनऊ के रामबाई पार्क में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस मौके पर वे नई पार्टी का भी ऐलान करेंगे। रैली में समर्थकों के पहुंचने के लिए बसों से लेकर स्पेशल ट्रेन तक बुक कराई गई है। दावा किया जा रहा है कि इस रैली में लाखों लोग जुटेंगे। मुफ्त में रैली स्थल पहुंचने के लिए प्रतापगढ़ के कुंडा तहसील के गढ़ी मानिकपुर रेलवे स्टेशन पर स्पेशल ट्रेन की जानकारी सूचना बोर्ड पर दी गई है।
लखनऊ रैली के लिए स्पेशल ट्रेन बुक करवाई गई है। ट्रेन संख्या 00431 परियावां स्टेशन से 30 तारीख को सुबह साढ़े आठ बजे चलकर सुबह 11.55 बजे लखनऊ पहुंचेगी इसके बाद लखनऊ से शाम 19.20 बजे समर्थकों को लेकर वापस लौटेगी। इस ट्रेन से समर्थक मुफ्त में रैली स्थल पहुंचेगे। लखनऊ रैली को सफल बनाने और भारी संख्या में भीड़ जुटाने के लिए कई कारें और बसों को भी बुक किया गया है। समर्थकों को लखनऊ ले जाने के लिए कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों से आह्वान कर रहे हैं। इस रैली की तैयारियों को लेकर राजा भैया के समर्थकों ने मुंबई से राजा भैया की फोटो लगी टी-शर्ट भेजी है जिसे कार्यकर्ता पहनकर रैली में जाएंगे। उनके समर्थक एक खास टी-शर्ट पहनकर रैली स्थल पर पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि रैली में हजारों समर्थकों के पहुंचने की उम्मीद है।
अब तक निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले राजा भैया सवर्णों-पिछड़ों को गोलबंद कर नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि सपा से रिश्ते खराब होने के बाद राजा भैया का यह बड़ा सियासी दांव है। राजा भैया बीजेपी और सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं लेकिन योगी सरकार में उनकी एंट्री मंत्रिमंडल में नहीं हो सकी है। राजा भैया लगातार आठवीं बार विधायक हैं। 1993 से वह कुंडा से निर्दलीय जीतते आ रहे हैं। 1997 में बीजेपी की कल्याण सिंह की सरकार में वह पहली बार मंत्री बने थे। 2002 में बसपा सरकार में विधायक पूरन सिंह बुंदेला को धमकी देने के मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा था। बाद में मुख्यमंत्री मायावती ने उन पर पोटा लगा दिया था करीब 18 महीने वह जेल में रहे। 2003 में मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद राजा भैया के ऊपर से पोटा हटा लिया और उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया, तब से वह लगातार सपा के साथ थे फिलहाल 2019 लोकसभा चुनाव से पहले राजा भैया की रैली पर सरकार से लेकर विपक्षी पार्टियों की नजर रहेगी।
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