डीएम का अनुमति देने से साफ इनकार ...
44 वर्ष पुरानी रामलीला
शुक्लागंज - सीताराम कॉलोनी स्थित नमामि घाट पार्क में होने वाली वर्षों पुरानी रामलीला इस बार नहीं होगी। बुधवार को श्री सार्वजनिक रामलील समिति के पदाधिकारी डीएम रवींद्र कुमार से मिलने पहुंचे। लेकिन उन्होंने रामलीला मंचन की अनुमति नहीं दी। इससे समिति के लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा। ऐसे में नगर के लोग अबकी इस 44 वर्ष पुरानी रामलीला मंचन का आनंद नहीं उठा सकेंगे।
श्री सार्वजनिक रामलीला समिति के संयोजक वीरेंद्र शुक्ला, प्रबंधक कल्लू सिंह, कोषाध्यक्ष प्रदीप शुक्ला, कमल वर्मा, अंजिनि अग्निहोत्री सहित अन्य सदस्यगण डीएम से मिलने उन्नाव मुख्यालय पहुंचे थे। संयोजक ने कहा कि डीएम से कोविड-19 के नियमों के तहत रामलीला कराने की अनुमति मांगी गई तो उन्होंने केवल सौ लोगों के ही मंचन देखने की शर्त रखी। जिस पर कम से कम पांच सौ लोगों की भीड़ होने की बात कही गई। लेकिन डीएम ने अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अनलॉक 4 की गाइडलाइन के अनुसार केवल सौ लोगों की ही अनुमति दी जा सकती है। लेकिन अभी यह भी स्पष्ट नहीं है।
शुक्लागंज में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। कंटेनमेंट जोन भी अधिक हैं। इस हालात में इतनी भीड़ की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस पर समिति के लोग वापस हो गए। प्रबंधक कल्लू सिंह ने बताया कि अनुमति मिलती तो इस बार मंचन का 45वां वर्ष होता। डीएम ने कहा कि शुक्लागंज में संक्रमण अधिक है और यह कानपुर के निकट है। ऐसे में गाइडलाइन का पालन जरूरी है।
जिलाधिकारी रवींद्र कुमार के मुताबिक अनलॉक पांच की नई गाइडलाइन आने के बाद ही तय होगा कि विजयदशमी पर्व किस तरह से मनाया जाएगा। इसके पहले कुछ भी तय नहीं किया जा सकता है। जनपद में कई स्थानों पर विजयदशमी पर बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। और इसमें मेले जैसा माहौल होता है। इसको ध्यान में रखकर ही निर्णय लिया जाएगा।
इस बार विजयदशमी पर्व 25 अक्तूबर को है। इसमें परंपरागत तरीके से रावण के पुतले का दहन व इस स्थल पर मेले का आयोजन होता है। जहां हजारों की भीड़ जुटती है। लेकिन इस बार जिले में जगह-जगह होने वाले आयोजनों पर संकट के बादल हैं। डीएम के मुताबिक इन आयोजनों पर अंतिम निर्णय लेने के लिए अभी बहुत समय है। जबकि विभागीय सूत्रों का कहना है कि कोरोना के चलते विजयदशमी पर्व सार्वजनिक रूप से मनाने की अनुमति मिलनी मुश्किल है।
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