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कानपुर कमिश्नर के लिए एक पूर्व आईजी संग तीन नामो की चर्चा ...

चुनाव आचार संहिता लागू होने से लटके पुलिस विभाग के ट्रांसफर

यूपी में विधान सभा चुनाव अचार संहिता लागू होने से करीब एक सैकड़ा अधिकारी पदोन्नति के बाद भी नई जिम्मेदीरी नहीं मिल पा रही है। अब नए साल की जगह नई सरकार बनने के बाद भी उनकी तबादला लिस्ट जारी होगी। इस लिस्ट के जारी न होने से पदोन्नति पाए पुलिस अधिकारियों के साथ ही उनके हटने से उनके स्थान पर आने की उम्मीद लगाए बैठे पुलिस अधिकारियों का भी सपना अधर में लट गया है। जबकि पुलिस महकमें में चर्चा थी कि डीपीसी लागू होते ही दस जनवरी तक एक बड़ी तबादला लिस्ट जारी होगी। हालाकि कानपुर कमिश्नर असीम अरुण के वीआरएस लेने के चलते जल्द ही वहां नए कमिश्नर की तैनाती होगी। इसके लिए गृह विभाग ने चुनाव आयोग को तीन नामों की लिस्ट भेज दी है।

कानपुर कमिश्नर के लिए तीन नाम भेजे गए

कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण के वीआरएस लेने के चलते वहां पुलिस कमिश्नर की तैनाती जल्द होने की तैयारी शासन ने कर ली है। इसके लिए चुनाव आयोग को तीन नामों की लिस्ट भेज दी है। नाम पर मुहर लगते ही नए पुलिस कमिश्नर के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। चर्चा है कि जल्द ही पदोन्नति पाए कानपुर के एक पूर्व आईजी इस दौड़ में सबसे आगे हैं।

तीन दर्जन प्रोन्नत हुए आईपीएस और एएसपी बने 42 सीओ को मिलनी थी नई जिम्मेदारी

नए साल पर आईपीएस की विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक में तीन दर्जन आईपीएस की पद्दोन्नति किए गए। इसमें बरेली के एडीजी अविनाश चंद्र समेत आईजी नवीन अरोड़ा, मोहित अग्रवाल, बीआर मीणा और जीके गोस्वामी समेत करीब 44 लोगों की पदोन्नति समेत सेलेक्शन ग्रेड लगाया गया था। जिससे कई जिलों में एसएसपी डीआईजी और एसपी एसएसपी बन गए। इसी तरह लखनऊ के एसीपी श्वेता श्रीवास्तव और अखिलेश सिंह समेत 42 पीपीएस अधिकारी (डिप्टी एसपी) एडिशन एसपी (एएसपी) बन गए। अचार संहिता लागू होने से इनकी तबादला लिस्ट आने से पहले ही अधर में लटक गई। हालाकि इसमें सिर्फ आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों का ही तबादला हो सका।

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