विकास दुबे के कॉल डिटेल सार्वजनिक करने की मांग ...
उज्जैन की स्क्रिप्ट
उत्तर प्रदेश:- कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे पुलिस की नाक के नीचे दो दिन छिपा बैठा था। बताते हैं कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में 'गिरफ्तार' होने से पहले 5 और 6 जुलाई को गैंगस्टर विकास दुबे नोएडा में था। मामले के एक जानकार की मानें तो विकास नोएडा में सरेंडर करने की फिराक में था। अपने एक जानने वाले क्रिमिनल लॉयर के घर पर रुका हुआ था। नाम न लिखने की शर्त पर एक सूत्र ने बताया, विकास दुबे ने आत्मसमर्पण के लिए नोएडा पुलिस से संपर्क किया था। हालांकि, पुलिस ने इस प्रक्रिया को पूरा करने से साफ इनकार कर दिया। फिर वकील गैंगस्टर के सरेंडर के लिए दिल्ली पुलिस के पास भी पहुंचे, लेकिन पुलिस ने यहां भी मना कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद विकास दुबे राजस्थान के कोटा चला गया। यहां उसने एक बार फिर सरेंडर के लिए पुलिस से संपर्क किया लेकिन यहां भी उसे कोई सफलता नहीं मिली। फिर उसने किसी तिवारी नाम के शख्स से बात की। बताते हैं कि विकास दुबे के उज्जैन महाकाल मंदिर में सरेंडर की पूरी कहानी इसी शख्स ने लिखी। हालांकि, इस प्लान में पुलिस शामिल नहीं थी। कहा जा रहा है कि तिवारी का भाई कानपुर का व्यापारी है।
विकास दुबे के कॉल डिटेल सार्वजनिक करने की मांग
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को यूपी सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या गैंगस्टर विकास दुबे ने आत्मसमर्पण किया या उसे गिरफ्तार किया गया है। अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, खबर आ रही है कि कानपुर मामले का मुख्य आरोपी पुलिस हिरासत में है। अगर यह सच है, तो सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि यह आत्मसमर्पण था या गिरफ्तारी थी। इसके अलावा, सीडीआर (कॉल डिटेल) को सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि उसका साथ देने वाले सामने आ सकें।
अखिलेश यादव ने कहा कि विकास दुबे पहले उज्जैन में महाकाल मंदिर गया और फिर खुद सुरक्षा कर्मियों को पुलिस को सूचित करने के लिए कहा। फिर पुलिस मौके पर पहुंची थी।
विपक्ष ने उठाया सवाल
गैंगस्टर विकास दुबे को हिरासत में लेने के बाद कई विपक्षी नेताओं ने सवाल भी उठाए। दूसरी ओर, बीजेपी के नेताओं ने मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रयासों की तारीफ की। बताते चले कि इन दोनों राज्यों में बीजेपी का शासन है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विकास दुबे के हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की थी। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने अपने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की है। अब आगे की कार्रवाई की जाएगी। मध्य प्रदेश पुलिस विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप देगी। गुरुवार शाम यूपी पुलिस की एक स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने विकास दुबे को हिरासत में लिया और वापस कानपुर के लिए रवाना हुई।
बता दें कि 3 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में एक उप पुलिस अधीक्षक, तीन सब-इंस्पेक्टर और चार कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस पूरी घटना है मुख्य आरोपी था विकास दुबे जिसके खिलाफ 60 आपराधिक मामले दर्ज थे। हमले में चार पुलिस कर्मी अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं पिछले एक सप्ताह में दुबे के कई सहयोगियों को मुठभेड़ों में या तो गिरफ्तार किया गया या मार दिया गया है। मुठभेड़ के बाद से विकास फरार था। इसके बाद हरियाणा के फरीदाबाद में उसके देखे जाने की खबरें आई थी। यूपी पुलिस ने उस पर 5 लाख रुपये का इनाम रखा था।
Leave a Reply