लूट के बाद कानपुर के युवक की ग्रेटर नोयडा में हत्या ...
पुलिस सक्रिय हो जाती तो शायद वारदात टल जाती।
गौरव सिंह चंदेल की हत्या के मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही रही। सोमवार को ऑफिस से घर नहीं लौटने पर रात में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने पहुंचे परिजनों को बिसरख थाने में तीन घंटे तक बैठाए रखा। परिजनों का कहना है समय रहते पुलिस सक्रिय हो जाती तो शायद वारदात टल जाती।
परिजनों ने बताया कि मोबाइल बंद होने की वजह से गौरव से संपर्क नहीं हो पा रहा था। इस लिए गौरव को ढूंढते हुए गढ़ी चौखंडी चौकी पहुंचे। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। पहली लोकेशन पर्थला चौक से 12 किलोमीटर आगे रोजा जलालपुर के आसपास मिली। आसपास की चौकियों से गौरव का पता नहीं चलने पर रात करीब 12:22 बजे बिसरख थाने पहुंचे। यहां पुलिस ने तीन घंटे तक थाने में बैठाए रखा। थाने से घर लौटते वक्त सुबह करीब चार बजे हिंडन पुल स्टेडियम के पास गौरव का शव सर्विस रोड के किनारे पड़ा देखकर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी।
पुलिसकर्मियों को वारदात के बारे में पता था
गौरव की खोजबीन में सोसायटी के लोग भी लगे थे। गौरव के मोबाइल की लोकेशन का पता चलने पर लोग चेरी काउंटी चौकी पहुंचे। पुलिस के न मिलने पर चौकी से निकलने के बाद लोगों को कुछ दूर एक पीसीआर मिली तब दो पुलिसकर्मी पुराना हैबतपुर के पास गए।
रात एक बजे के करीब दोबारा लोकेशन गौड़ सिटी के पास नाले की तरफ मिली। यहां पहुंचने पर पुलिसकर्मी ने घर लौटने की बात कही। आरोप है कि पुलिसकर्मियों को घटना की जानकारी हो चुकी थी। इसके बावजूद पुलिस ने घर लौटने की सलाह देकर सुबह आने के लिए कहा। पर्थला चौक और किसान चौक के बीच लगभग दो किमी की दूरी है। मोबाइल लोकेशन के आधार पर ही पुलिस अगर दो किमी के क्षेत्र को ढंग से तलाश लेती तो वारदात टल जाती।
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