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धर्मस्थल में एक बार में पांच से ज्यादा श्रद्धालु न जाएं ...

प्रतिमा व ग्रंथों को स्पर्श न करें: मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे धर्मस्थलों को खोलने से पहले धर्मस्थलों के प्रबंधन व धर्मगुरुओं से संवाद बनाकर भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। धर्मस्थलों पर सैनिटाइजर, इंफ्रारेड थर्मामीटर व पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था की जाए। धर्मस्थल में एक बार में पांच से अधिक श्रद्धालु न जाएं और वे प्रतिमा या धार्मिक ग्रंथों को स्पर्श न करें।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को अपने आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्म स्थलों खोलने से पहले प्रशासन व पुलिस के अधिकारी उनके प्रबंधन से बातचीत करके सभी सावधानियों पर अमल कराएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि धर्म स्थलों के परिसर में श्रद्धालु जूता-चप्पल पहनकर न जाएं। जूता-चप्पल रखने के लिए धर्म स्थल की व्यवस्था से जुड़े लोग समुचित इंतजाम करें। यह उचित होगा कि लोग यथा-सम्भव अपने वाहन में जूता-चप्पल उतारने के बाद ही धर्म स्थल की ओर प्रस्थान करें। 

उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए प्रत्येक स्तर पर पूरी सावधानी व सतर्कता बरतना आवश्यक है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराया जाए। प्रभावी पुलिस पेट्रोलिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्र न होने पाए। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारियों दूसरे राज्यों की सरकारों से संपर्क कर उन राज्यों से वापसी के इच्छुक लोगों की सूची प्राप्त करने के निर्देश भी दिए ताकि ट्रेनों की व्यवस्था की जा सके। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह व मुख्य सचिव आरके तिवारी समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 

क्वारंटीन सेंटर व कम्यनिटी किचन को सैनिटाइज कर तैयार रखे

सीएम योगी ने कहा कि क्वारंटीन सेंटर व कम्युनिटी किचन को सैनिटाइज करके संचालन की स्थिति में रखा जाए ताकि जरूरत के अनुसार इनका उपयोग किया जा सके। कामगारों व श्रमिकों को राशन किट व एक हजार रुपये भरण पोषण भत्ता देने की व्यवस्थाओं की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि संक्रमित को समय पर उपचार उपलब्ध कराना जरूरी है। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए वे वे मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों से हर रोज संवाद करके कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखें। अस्पतालों में रोगियों को पीने के लिए गुनगुना पानी दिया जाए। बेड शीट नियमित रूप से बदली जाएं। डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ नियमित राउंड लें। मरीजों की रिकवरी की गति तथा दर बढ़ाने को सभी संभव उपाय किए जाएं। 

मुख्यमंत्री ने कहा, बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के साथ जागरूकता व प्रभावी सर्विलांस से सरकार को संचारी रोगों से होने वाली मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट लाने में सफलता मिली है। जरूरी है कि लोग कोविड-19 के बचाव के संबंध में सजग रहें। निगरानी समितियों को सक्रिय रखा जाए। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर से निरंतर संवाद बनाया जाए। निर्देश दिया कि जिलों में जो भी नया केस आता है, उसकी कांट्रेक्ट ट्रेसिंग को मजबूती से किया जाए।

आम निर्यात की प्रभावी कार्ययोजना बनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों में संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइजर, इंफ्रारेड थर्मामीटर व पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था अवश्य की जाए। आम के निर्यात के लिए सभी संबंधित विभागों व संस्थाओं को बैठक करके प्रभावी कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि गोवंश के लिए हरे चारे की व्यवस्था की जाए।

औद्योगिक गतिविधियों में तेजी लाएं

सीएम योगी ने औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। कहा कि उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई सेक्टर के ऑनलाइन स्वरोजगार संगम जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाए। उन्होंने उद्योग बंधु, पिकप जैसी संस्थाओं को उद्योगों के संचालन के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए कोशिश करने के निर्देश दिए। कहा कि प्रदेश वापस लौटे कामगारों को प्रधानमंत्री के विशेष आर्थिक पैकेज के माध्यम से लाभान्वित किया जाए। पैकेज के माध्यम से रेहड़ी, खोमचे वालों एवं व एमएसएमई सेक्टर को उपलब्ध कराए जा सकने वाले ऋण व अन्य लाभ के संबंध में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक आहूत की जाए।

श्रमिकों को रोजगार देने के लिए पोर्टल तैयार करें

सीएम योगी ने कहा कि श्रमिकों को ग्रामीण इलाकों में संचालित योजनाओं में लगाया जाए। कामगारों को उपलब्ध कराए जा सकने वाले रोजगार की मैपिंग करते हुए इसे लागू करने की कार्य योजना तैयार की जाए। जिन जिलों में दूसरे राज्यों से लौटे कामगारों  की संख्या 25 हजार या उससे अधिक है, वहां स्किल मैपिंग कार्य तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने कामगारों व श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि जिन औद्योगिक इकाइयों के अलावा सरकारी विभागों व संस्थानों में कामगारों की जरूरत हो, वहां इन्हें रोजगार देने के प्रयास किए जाएं।

 

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